देहरादून में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने शहर और आसपास के क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। रविवार देर रात से शुरू हुआ बारिश का सिलसिला सोमवार शाम तक जारी रहा, जिससे नदियां और नाले खतरे के निशान से ऊपर बहने लगे। तेज बहाव के कारण कई रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया और सड़कें दरिया जैसी नजर आने लगीं।
दीपनगर में रिस्पना नदी के किनारे भूस्खलन से मकानों को नुकसान हुआ, जबकि तपोवन क्षेत्र में सात मवेशी बह गए। राजीव नगर, बापूनगर, मालदेवता और आईटी पार्क के आसपास जलभराव के कारण लोग घरों में फंस गए। नगर निगम और प्रशासन की टीमें पंप लगाकर पानी निकालने में जुटी रहीं। सहस्त्रधारा रोड और कांवली रोड जैसे मार्गों पर बरसाती पानी इतना बढ़ गया कि कई दोपहिया वाहन बह गए। इस दौरान दो महिलाएं भी तेज बहाव में कई मीटर तक बह गईं, लेकिन स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें बचा लिया गया।
हालात की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी सविन बंसल ने प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया और त्वरित प्रतिक्रिया टीमों को 24 घंटे अलर्ट रहने के निर्देश दिए। रिस्पना नदी किनारे स्थित होटल शिवालिक द्रोणपुरी को अस्थायी राहत शिविर में तब्दील किया गया, जहां भोजन, पानी और रहने की व्यवस्था की गई है। लोहियानगर और ब्रह्मपुरी में दो मकान तथा लक्ष्मण चौक के पास एक मकान ढह गया, जबकि गुनियाला गांव में भूस्खलन से सड़क बंद हो गई।
जिले के विभिन्न हिस्सों—पटेल नगर, कालिदास रोड, तिलक रोड, रायपुर रोड, आर्यनगर और नत्थनपुर—में कुल 91 स्थानों पर जलभराव की शिकायतें मिलीं। प्रशासन की टीमें लगातार डी-वाटरिंग का काम कर रही हैं। पूर्व विधायक राजकुमार और कई पार्षदों ने प्रभावित इलाकों का दौरा कर लोगों को सहायता का भरोसा दिलाया। सालावाला वार्ड में पानी भरा देख पार्षद भूपेंद्र कठैत ने व्यंग्य करते हुए कहा कि यह तो देहरादून का नया वाटर पार्क बन गया है।
टपकेश्वर महादेव मंदिर के पास बहने वाली तमसा नदी भी सोमवार को उफान पर आ गई, जिससे सुरक्षा के लिहाज से श्रद्धालुओं को नदी तट से दूर रखा गया। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक बारिश जारी रहने की संभावना जताई है, जिससे राहत कार्यों में और मुश्किलें आने की आशंका है।
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