एसएसपी का ट्रांसफर करें, हथियारबंद हिस्ट्रीशीटर खुलेआम कैसे घूम रहे-हाईकोर्ट
मंगलवार को फिर होगी सुनवाई
नैनीताल। ज़िला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष चुनाव के दौरान हुई हिंसा और फायरिंग की घटनाओं पर नैनीताल हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है।
सोमवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने एसएसपी नैनीताल पी.एस. मीणा को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि हथियारबंद हिस्ट्रीशीटर खुलेआम कैसे घूम रहे थे और पुलिस हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठी रही।
हाईकोर्ट ने पांचों ‘अपह्रत’ जिपं सदस्यों की कहानी सुनने से भी साफ मना कर दिया। और तल्ख लहजे में कहा कि इन्होंने कोर्ट को गुमराह किया।
कोर्ट ने साफ कहा कि “हम एसएसपी पर अब विश्वास खो चुके हैं” और सरकार को उनके तत्काल ट्रांसफर के आदेश दिए।
अब इस पूरे प्रकरण पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने नैनीताल पुलिस की लापरवाही को गंभीर माना। एडवोकेट जनरल ने कोर्ट के समक्ष स्वीकार किया कि नैनीताल पुलिस से गलती हुई है और एसएसपी को एक मौका देने की अपील की, लेकिन कोर्ट ने इसे मानने से इंकार कर दिया।
कोर्ट ने नैनीताल के जिलाधिकारी और एसएसपी दोनों को इस संबंध में शपथपत्र (एफिडेविट) दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 19 अगस्त 2025 को होगी।
हाईकोर्ट ने पांचों ‘अपह्रत’ जिपं सदस्यों की कहानी सुनने से भी साफ मना कर दिया।
हाईकोर्ट में इस मामले में मंगलवार को सुनवाई होगी। जिपं अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिए पुनर्मतदान पर भी हाईकोर्ट का फैसला आना बाकी है।
चुनावी हिंसा की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि 14 अगस्त को नैनीताल ज़िले के बेतालघाट ब्लॉक प्रमुख एवं उप प्रमुख चुनाव के दौरान भारी अराजकता, फायरिंग और मारपीट की घटनाएँ हुई थीं।
पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी के बावजूद खुलेआम हथियार लहराए गए और प्रत्याशियों के अपहरण तक की कोशिशें हुईं।
इस मामले में निर्वाचन आयोग ने रविवार को भवाली के सीओ प्रमोद साह के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही और बेतालघाट थानाध्यक्ष अनीस अहमद के निलंबन की संस्तुति की थी।
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