भारी बारिश का कहर: देहरादून और उत्तरकाशी में रेड अलर्ट, नदियों का जलस्तर खतरे के निशान पर

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भारी बारिश का कहर: देहरादून और उत्तरकाशी में रेड अलर्ट, नदियों का जलस्तर खतरे के निशान पर

प्रदेश में मौसम का मिजाज लगातार खराब बना हुआ है। मौसम विभाग ने देहरादून और उत्तरकाशी जिलों के लिए बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में भी प्रदेश में भारी से अत्यंत भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। इसके साथ ही अन्य जिलों में ऑरेंज अलर्ट प्रभावी रहेगा। मौसम विज्ञानी रोहित थपलियाल के अनुसार, रेड और ऑरेंज अलर्ट वाले जिलों में लगातार कई दौर की बारिश हो सकती है, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। सोमवार को भी पहाड़ से लेकर मैदानी इलाकों तक बारिश का दौर जारी रहा, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ।

चमोली की ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फबारी

गोपेश्वर से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार देर शाम चमोली जिले के बदरीनाथ धाम की ऊंची चोटियों सहित हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, नंदा घुंघटी और रुद्रनाथ की चोटियों पर हल्की बर्फबारी हुई। इस बर्फबारी से मौसम और ठंडा हो गया है। जिले के निचले क्षेत्रों में भी हल्की ठंडक महसूस की गई। शाम ढलते ही ठंड बढ़ने लगी, जिससे स्थानीय लोगों ने गरम कपड़े पहनने शुरू कर दिए। तापमान में भी खासी गिरावट दर्ज की गई है, जो आने वाले दिनों में और नीचे जा सकती है।

दून में बारिश से संसारी माता मंदिर ढहा

देहरादून शहर में सोमवार को भारी बारिश हुई, जिसके चलते गजियावाला स्थित बीजापुर बांध के पास संसारी माता का मंदिर ढह गया। मंदिर के ढहने से आसपास के मकानों को भी नुकसान पहुंचा है। दो दिनों से लगातार हो रही बारिश ने शहर की व्यवस्था अस्त-व्यस्त कर दी है। सोमवार को भारी बारिश के कारण कई इलाकों में जलभराव हो गया। साथ ही बीजापुर बांध के पास पहाड़ी से ढांग गिरने से मंदिर पूरी तरह ढह गया। मौसम विभाग के अनुसार, पिछले दो दिनों में दून का तापमान भी काफी नीचे आ गया है। रविवार को अधिकतम तापमान 29 डिग्री और न्यूनतम 23.4 डिग्री दर्ज किया गया था, जबकि सोमवार को इसमें और गिरावट आई। अधिकतम तापमान 4.1 डिग्री और न्यूनतम तापमान 1.2 डिग्री कम हो गया।

खतरे के निशान पर पहुंचीं नदियां

लगातार हो रही बारिश से प्रदेश की नदियां उफान पर हैं। उत्तरकाशी जिले में स्यानचट्टी पुल तक यमुना नदी का पानी पहुंच गया है। इस वजह से प्रशासन ने एहतियात के तौर पर पुल को आम यातायात के लिए बंद कर दिया है। गढ़वाल मंडल में सौंग, बाणगंगा, अलकनंदा, मंदाकिनी और यमुना जैसी प्रमुख नदियों का जलस्तर चेतावनी सीमा से ऊपर पहुंच चुका है। वहीं, कुमाऊं मंडल में भी कोसी और गौरीगंगा नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने आदेश जारी किया है कि विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विद्यालयों में विशेष सावधानी बरती जाए। साथ ही, उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों के आवागमन पर भी रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं।

मलबा आने से 384 सड़कें बंद

भारी बारिश के बाद जगह-जगह मलबा आने से पूरे प्रदेश में 384 सड़कें बाधित हो गई हैं। सबसे अधिक सड़कें उत्तरकाशी जिले में बंद हुई हैं, जहां 70 मार्ग अवरुद्ध हैं। इसके अलावा टिहरी में 31, चमोली में 51, रुद्रप्रयाग में 39, पौड़ी में 39, देहरादून में 48, हरिद्वार में एक, पिथौरागढ़ में 28, चंपावत में तीन, अल्मोड़ा में 38, बागेश्वर में 10, नैनीताल में 25 और ऊधमसिंह नगर में एक सड़क बंद पड़ी है। इन सड़कों के बंद होने से ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात और आवश्यक सेवाओं पर बुरा असर पड़ा है।

लोगों की मुश्किलें बढ़ीं

भारी बारिश, बर्फबारी और नदियों के उफान से आम लोगों की दिक्कतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। पहाड़ी इलाकों में फंसे लोगों को निकालने और सड़कों को खोलने के लिए प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल सक्रिय हैं। वहीं, मौसम विभाग ने अभी और बारिश की संभावना जताई है, जिससे अगले कुछ दिन और चुनौतीपूर्ण रह सकते हैं।

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