डेढ़ किलोमीटर दूर सड़क नदी में समाई, गांवों का संपर्क टूटा

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मुख्यमंत्री आवास से डेढ़ किलोमीटर दूर सड़क नदी में समाई, तीन गांवों का संपर्क टूटा

देहरादून। दून घाटी में सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात बादल आफत बनकर बरसे और पूरे क्षेत्र में तबाही का मंजर छोड़ गए। मूसलाधार बारिश और अचानक आई बाढ़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। जगह-जगह सड़कें, पुल और घर बह गए या ध्वस्त हो गए। प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य चलाया जा रहा है, लेकिन तबाही इतनी व्यापक है कि प्रभावित क्षेत्रों में दहशत और अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है।

सबसे चिंताजनक घटना मुख्यमंत्री आवास से महज डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर घटित हुई, जहां टौंस नदी उफान पर आकर करीब 200 मीटर लंबी सड़क को अपने साथ बहा ले गई। यह सड़क बीजापुर पंप हाउस तक जाती थी और इसी मार्ग से तीन गांवों का शहर से सीधा संपर्क था। सड़क बह जाने से अब ग्रामीणों को वैकल्पिक रास्तों से आवाजाही करनी पड़ रही है। स्थानीय लोग जल्द से जल्द सड़क बहाली की मांग कर रहे हैं ताकि जीवन सामान्य हो सके।

मौत और लापता लोगों का आंकड़ा

बारिश और बाढ़ से दून घाटी में भारी जनहानि हुई है। विभिन्न स्थानों पर नदी में बहने और मलबे में दबने से कुल 17 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इसके अलावा 13 से अधिक लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। मौठ नदी से दो पुराने शव भी बरामद हुए हैं। प्रशासन की आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, 13 मौतें, तीन लोग घायल और 13 लोग लापता हैं।

पुल और सड़कें क्षतिग्रस्त

तेज बारिश और उफनती नदियों के कारण जिले में 11 पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इसके अलावा 62 सड़कें टूटने और धंसने के कारण बंद पड़ी हुई हैं। इस वजह से कई ग्रामीण और पहाड़ी इलाके शहर से कट गए हैं और वहां पहुंचना मुश्किल हो गया है।

सहस्रधारा और मालदेवता में तबाही

प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सहस्रधारा में बादल फटने से सबसे ज्यादा तबाही देखने को मिली। कई मकान और संपत्तियां नष्ट हो गईं। नदियां उफान पर आने के बाद अपने साथ लोगों और मलबे को बहा ले गईं। मालदेवता से ऊपर फुलेट गांव में एक बड़ा हादसा हुआ, जहां एक मकान गिरने से आठ लोग मलबे में दब गए।

अन्य स्थानों पर नुकसान
  • प्रेमनगर नंदा की चौकी के पास पुल टूट गया, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया।

  • गुच्चूपानी पर्यटन स्थल पर कई भवन और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं।

  • डालनवाला क्षेत्र में रिस्पना नदी के किनारे बसे इलाकों को भारी नुकसान हुआ, जहां पानी और मलबा घरों तक घुस गया।

प्रशासन सतर्क, लोग दहशत में

प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में तैनात की गई हैं। हालांकि, लगातार हो रही बारिश से स्थिति संभालने में दिक्कतें आ रही हैं। प्रभावित गांवों और शहर के हिस्सों में बिजली और पानी की आपूर्ति भी ठप हो गई है।

लोगों का कहना है कि अगर सड़कों और पुलों की समय रहते मरम्मत व सुदृढ़ीकरण किया गया होता तो नुकसान इतना बड़ा न होता। अब ग्रामीणों की मुख्य मांग है कि जल्द से जल्द सड़क बहाली और राहत सामग्री उपलब्ध कराई जाए

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