देहरादून। प्रदेश सरकार राज्य स्थापना के रजत जयंती उत्सव को यादगार बनाने में जुटी है। यह पहला अवसर है, जब प्रधानमंत्री राज्य स्थापना दिवस पर राज्य वासियों का उत्साहवर्धन करेंगे। उत्तराखंड राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर रजत जयंती उत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। उनके आने की पुष्टि हो गई है। 11 नवंबर को एफआरआई में रजत जयंती उत्सव समारोह का आयोजन भव्य स्तर पर किया जाएगा। प्रधानमंत्री के आगमन के लिए प्रदेश सरकार ने तैयारियों का दायरा काफी हद तक बढ़ा दिया है ताकि किसी भी प्रकार की कमी न रह जाए और यह आयोजन ऐतिहासिक बन सके।
प्रदेश सरकार राज्य स्थापना के रजत जयंती उत्सव को हर दृष्टि से यादगार बनाने में पूरी गंभीरता से जुटी हुई है। राज्य के इतिहास में यह पहला अवसर होगा, जब देश के प्रधानमंत्री स्वयं राज्य स्थापना दिवस पर उत्तराखंड वासियों का उत्साहवर्धन करेंगे और राज्य की उपलब्धियों तथा विकास यात्रा को नई दिशा देंगे। यह अवसर न केवल उत्तराखंड की जनता के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि यह पूरे प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक पल होगा।
सोमवार को आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पांडे, अपर सचिव मुख्यमंत्री बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी सविन बंसल, महानिदेशक उद्योग सौरभ गहरवार, आईजी इंटेलिजेंस केएस नगन्याल, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, एसएसपी अजय सिंह समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने आयोजन स्थल एफआरआई का स्थलीय निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। अधिकारियों ने आयोजन स्थल पर मंच, सुरक्षा व्यवस्था, यातायात प्रबंधन, अतिथियों के बैठने की व्यवस्था, पार्किंग, मीडिया गैलरी, सांस्कृतिक कार्यक्रमों तथा स्वागत कार्यक्रमों के संबंध में विस्तार से समीक्षा की। सभी अधिकारियों ने कार्यक्रम को व्यवस्थित, आकर्षक और भव्य ढंग से आयोजित करने के लिए हर प्रकार की व्यवस्थाओं को समय पर पूरा करने के लिए विचार-विमर्श किया और विभागीय समन्वय बनाए रखने पर बल दिया।
आयुक्त विनय शंकर पांडे ने जिलाधिकारी समेत सभी विभागीय उच्चाधिकारियों को निर्देश दिए कि इस आयोजन को हर दृष्टि से यादगार और अनुकरणीय बनाने के लिए सभी तैयारियां समय से पहले पूरी कर ली जाएं। उन्होंने कहा कि यह अवसर केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि उत्तराखंड की विकास यात्रा का प्रतीक है, इसलिए किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड से विशेष लगाव किसी से छिपा नहीं है। उन्होंने कई अवसरों पर उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता, संस्कृति, अध्यात्म और यहां के लोगों की मेहनत की सराहना की है। रजत जयंती उत्सव में प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति न केवल राज्यवासियों के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह पूरे प्रदेश के लिए एक प्रेरणा का स्रोत होगी।
एफआरआई परिसर में आयोजित होने वाला यह समारोह भव्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, उत्तराखंड की लोक परंपराओं, लोक वेशभूषा, संगीत, नृत्य और राज्य की विकास गाथा को प्रदर्शित करने वाले कार्यक्रमों से सुसज्जित होगा। इसमें राज्य के विभिन्न जिलों से आए कलाकार अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करेंगे। साथ ही, राज्य की स्थापना से लेकर अब तक की विकास यात्रा को दर्शाने वाले प्रदर्शनी स्टॉल भी लगाए जाएंगे, जिनमें पर्यटन, उद्योग, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में हुए प्रगति कार्यों को दिखाया जाएगा।
प्रदेश सरकार चाहती है कि यह आयोजन न केवल एक दिन का समारोह हो, बल्कि पूरे प्रदेश में जनभागीदारी के रूप में मनाया जाए। इसके लिए जिलों में भी कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की जा रही है। स्कूलों, कॉलेजों, पंचायतों और नगर निकायों को भी रजत जयंती उत्सव में सहभागी बनाने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं।
राज्य सरकार का उद्देश्य इस आयोजन के माध्यम से उत्तराखंड की जनता को यह संदेश देना है कि राज्य ने 25 वर्षों में विकास की दिशा में कितनी बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं और आने वाले वर्षों में राज्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए सभी को एकजुट होकर कार्य करना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति से न केवल राज्य के विकास को नई गति मिलेगी, बल्कि उत्तराखंड की पहचान एक समृद्ध, सशक्त और आत्मनिर्भर राज्य के रूप में और मजबूत होगी।
इस प्रकार, उत्तराखंड राज्य स्थापना के रजत जयंती उत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं और प्रदेश सरकार इसे एक ऐतिहासिक, भव्य तथा अविस्मरणीय आयोजन बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है।











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