जंगली जानवरों के कहर से दहशतग्रस्त जनता ने वन मंत्री से लगाई गुहार

चौंदकोट वेलफेयर सोसाइटी ने वन मंत्री को सौंपा ज्ञापन

देहरादून । चौंदकोट वेलफेयर सोसाइटी के पदाधिकारियों और सदस्यों ने  उत्तराखण्ड के वन एवं पर्यावरण मंत्री सुबोध उनियाल को ज्ञापन सौंपकर जंगली जानवरों के बढ़ते आतंक से तत्काल राहत दिलाने की गुहार लगाई है।

चौंदकोट वेलफेयर सोसाइटी के नेतृत्व में सौंपे गए इस ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि जीवन और आजीविका दोनों पर संकट गहरा गया है।

मानव जीवन पर मंडराता खतरा

क्षेत्र में बाघ, गुलदार और भालू की सक्रियता बेहद बढ़ गई है। आए दिन ये हिंसक जानवर रिहायशी इलाकों में घुस रहे हैं। बच्चों का स्कूल जाना, महिलाओं का घर से बाहर निकलना और बुजुर्गों की दिनचर्या तक दूभर हो गई है। कई लोग गुलदार-भालू के हमले में गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं, कुछ की जान भी जा चुकी है। पालतू मवेशी लगातार शिकार बन रहे हैं, जिससे पशुपालकों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

खेती-किसानी पूरी तरह चौपट

जंगली सुअर, बंदर, लंगूर और स्याही (सेही) ने खेतों में कोहराम मचा रखा है। किसान साल भर की मेहनत से फसल उगाते हैं, लेकिन कटाई से पहले ही पूरी फसल बर्बाद हो जा रही है। फसल नष्ट होने से ग्रामीणों की एकमात्र आजीविका का साधन छिन रहा है।

पलायन की बढ़ती रफ्तार

जान का खतरा और फसल का नुकसान, इस दोहरी मार से तंग आकर लोग खेती छोड़ने को मजबूर हैं। कई परिवार गांव छोड़कर शहरों की ओर पलायन करने की तैयारी कर रहे हैं। ग्रामीणों ने इसे उत्तराखण्ड के लिए गंभीर संकट बताया है।

मानव जीवन पर मंडराता खतरा

क्षेत्र में बाघ, गुलदार और भालू की सक्रियता बेहद बढ़ गई है। आए दिन ये हिंसक जानवर रिहायशी इलाकों में घुस रहे हैं। बच्चों का स्कूल जाना, महिलाओं का घर से बाहर निकलना और बुजुर्गों की दिनचर्या तक दूभर हो गई है। कई लोग गुलदार-भालू के हमले में गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं, कुछ की जान भी जा चुकी है। पालतू मवेशी लगातार शिकार बन रहे हैं, जिससे पशुपालकों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

खेती-किसानी पूरी तरह चौपट

जंगली सुअर, बंदर, लंगूर और स्याही (सेही) ने खेतों में कोहराम मचा रखा है। किसान साल भर की मेहनत से फसल उगाते हैं, लेकिन कटाई से पहले ही पूरी फसल बर्बाद हो जा रही है। फसल नष्ट होने से ग्रामीणों की एकमात्र आजीविका का साधन छिन रहा है।

पलायन की बढ़ती रफ्तार

जान का खतरा और फसल का नुकसान, इस दोहरी मार से तंग आकर लोग खेती छोड़ने को मजबूर हैं। कई परिवार गांव छोड़कर शहरों की ओर पलायन करने की तैयारी कर रहे हैं। ग्रामीणों ने इसे उत्तराखण्ड के लिए गंभीर संकट बताया है।

ग्रामीणों की प्रमुख मांगें

आबादी वाले इलाकों में वन विभाग की गश्त बढ़ाई जाए और हिंसक गुलदार-भालू की जियो-टैगिंग की जाए।
गुलदार व भालू पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए जाएं।
जंगली सुअर, बंदर आदि को नियंत्रित करने के लिए युद्धस्तर पर अभियान चलाया जाए।
खेतों की सोलर फेंसिंग के लिए अनुदान दिया जाए।
फसल और मवेशी नुकसान का उचित मुआवजा तुरंत प्रदान किया जाए।

वनमंत्री का आश्वासन

ज्ञापन सौंपने पहुंचे सोसाइटी के अध्यक्ष  उमेद सिंह गुसाई और महासचिव कवीन्द्र इष्टवाल ने बताया कि मंत्री सुबोध उनियाल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

समिति के सदस्यों द्वारा वनमंत्री से मुलाकात के बाद वन विभाग मुख्यालय अरण्य भवन जाकर हाँफ, वन विभाग, उत्तराखंड तथा मुख्य वन्यजीव प्रति पालक, उत्तराखंड से भी मुलाकात कर ज्ञापन दिया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
प्रतिनिधि मंडल मे चौंदकोट वेलफेयर सोसाइटी की ओर से अध्यक्ष उम्मेद सिंह गुसाई,महासचिव कवीन्द्र इष्टवाल, प्रदीप सिंह रावत, सेवानिवृत्त अपर सचिव धनराज सिंह नेगी, से.नि. सहायक निदेशक, सीबीएसई, उमेश रावत व  सामाजिक कार्यकर्ता सम्मिलित थे ।
सोसाइटी के अध्यक्ष उम्मेद सिंह गुसाई और महासचिव  इष्टवाल द्वारा सभी पटलों पर क्षेत्र की समस्याओं, ग्रामीणों की पीड़ा और चिंताओं को विस्तार से रखा गया

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