ग्रीन सेस वसूली में देरी पर सीएम धामी सख्त, अफसरों को लगाई फटकार
उत्तराखंड सरकार द्वारा बाहरी राज्यों से प्रदेश में प्रवेश करने वाले वाहनों से ग्रीन सेस वसूली का निर्णय लिया गया था। इस संबंध में शुल्क की दरें भी पहले ही तय कर ली गई थीं और एक बार इनमें संशोधन भी किया जा चुका है। इसके बावजूद अब तक ग्रीन सेस की वसूली शुरू न हो पाने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कड़ी नाराजगी जताई है। राजस्व प्राप्ति में हो रही इस देरी को लेकर मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई और शीघ्र व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए।
बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित राजस्व प्राप्ति की समीक्षा बैठक के दौरान जब ग्रीन सेस वसूली का मुद्दा सामने आया तो मुख्यमंत्री ने इस पर सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और राज्य की आय बढ़ाने के उद्देश्य से ग्रीन सेस लागू करने का निर्णय लिया था, लेकिन अब तक इसकी वसूली शुरू न होना गंभीर लापरवाही को दर्शाता है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि ग्रीन सेस की वसूली शुरू होने से राज्य के राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, ऐसे में इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई स्वीकार नहीं की जाएगी।
सरकार की ओर से बाहरी राज्यों से उत्तराखंड आने वाले सभी प्रकार के वाहनों से ग्रीन सेस वसूलने की योजना बनाई गई है। इसके लिए प्रदेश के सभी सीमावर्ती क्षेत्रों में ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (एएनपीआर) कैमरे लगाए जा चुके हैं। जैसे ही कोई वाहन उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश करेगा, ये कैमरे वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन करेंगे और उसी के आधार पर संबंधित वाहन के फास्टैग खाते से ग्रीन सेस की राशि स्वतः कट जाएगी। पूरी प्रक्रिया को तकनीकी रूप से सुचारु और पारदर्शी बनाने के लिए फास्टैग प्रणाली को आधार बनाया गया है।
परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ग्रीन सेस वसूली के लिए अधिकांश तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। हालांकि, अभी तक नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) से ट्रायल के लिए आवश्यक लिंक नहीं मिल पाया है, जिसके चलते वसूली प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। अधिकारियों के अनुसार, एनपीसीआई से लिंक मिलते ही तुरंत ट्रायल किया जाएगा और ट्रायल सफल होने के बाद ग्रीन सेस की वसूली औपचारिक रूप से शुरू कर दी जाएगी।
उप परिवहन आयुक्त शैलेश कुमार तिवारी ने बताया कि तकनीकी स्तर पर सभी व्यवस्थाएं लगभग तैयार हैं और केवल एनपीसीआई से समन्वय का इंतजार है। उन्होंने कहा कि जैसे ही लिंक उपलब्ध होगा, ट्रायल प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। वहीं संयुक्त परिवहन आयुक्त एस.के. सिंह ने मीडिया के समक्ष दावा किया है कि एक जनवरी से ग्रीन सेस वसूली की व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।
ग्रीन सेस शुल्क इस प्रकार निर्धारित किया गया है—
-
कारें: 80 रुपये
-
बसें: 140 रुपये
-
डिलीवरी वैन: 250 रुपये
-
ट्रक: 120 से 700 रुपये (वाहन के आकार और क्षमता के अनुसार)
सरकार का मानना है कि ग्रीन सेस से प्राप्त राशि का उपयोग पर्यावरण संरक्षण, सड़क अवसंरचना और राज्य के विकास कार्यों में किया जाएगा। ऐसे में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि तकनीकी अड़चनों को शीघ्र दूर कर ग्रीन सेस वसूली व्यवस्था को तय समय सीमा के भीतर लागू किया जाए।












Leave a Reply