चंपावत जिला मुख्यालय से 93 किलोमीटर दूर स्थित जीआईसी रमक में कुछ छात्राओं के साथ इन दिनों एक साथ रोने चीखने और कक्षाओं से भागने की घटना हो रही है अभिभावक इसे दैवीय प्रकोप बता रहे हैं जबकि शिक्षा विभाग इसे मास हिस्टीरिया बता रहा है यह मामला बुधवार शाम तक सामने आया जब मुख्य शिक्षा अधिकारी जितेंद्र सक्सेना स्कूल पहुंचे पार्टी ब्लॉक के रमन जीआईसी में 2 छात्राएं और 69 छात्र अध्ययनरत है….
नवंबर के आखिरी सप्ताह से छठी से इंटर तक की कई छात्राएं अचानक सिर घूमने सिर दर्द होने की शिकायत के बाद रोने चिल्लाने के बाद भागने लगती है रोज मध्यांतर के बाद 5 से 7 छात्राओं को इस तरह की शिकायत होती रहेगी करीब 39 छात्राएं इसकी चपेट में आई हैं…
प्रधानाचार्य एसपी गंगवार ने बताया कि पार्टी ब्लॉक की स्वास्थ्य विभाग की टीम बुलाकर छात्राओं का इलाज कराया गया पार्टी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी गुस्सा खटकड़ ने बताया कि देवीधुरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से डॉक्टर ज्योति भट्ट के नेतृत्व में भेजी गई स्वास्थ्य कर्मियों की टीम ने 45 से अधिक छात्राओं का चिकित्सीय परीक्षण किया परीक्षण और परामर्श के बाद इस तरह की घटनाएं कम होने की बात सामने आई है अभिभावकों ने उसके लिए पूजा-अर्चना से लेकर देवताओं की गड्डी लगवाई दावा किया गया है कि इसके बाद अभी स्थिति में सुधार हुआ है पिछले 2 दिन से अब ऐसी घटना नहीं हो रही है क्षेत्र के लोगों का कहना है कि नदिया घाटी के दो और स्कूलों में बीते 2 माह में ऐसी घटनाएं हुई है….
वही मनोचिकित्सक की माने तो यह मामला मास हिस्टीरिया का हो सकता है इसमें कई बार किसी एक व्यक्ति के असामान्य हरकत के साथ ही अन्य लोग नकल करते हैं इसमें व्यक्ति भीतर ही भीतर घुस रहा होता है और अपना दर्द किसी को नहीं बता पाता पहाड़ों में ऐसे मामलों में ज्यादातर देव डांगर और झाड़-फूंक का सहारा लिया जाता है लेकिन साथ ही उनका कहना है कि इस तरह की घटनाओं को पहले मनोचिकित्सक को दिखाया जाए फिर काउंसलिंग के साथ उस परिवार को जागरूक किया जाए मन को केंद्रित कर खुद के जीवन में परिवर्तन लाने और नियंत्रण के उपाय खोजे जाए….