राज्य मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले 24 घंटों में देहरादून, टिहरी, पौड़ी, अल्मोड़ा, नैनीताल और चंपावत जिले में कहीं-कहीं हल्की बारिश के साथ ओलावृष्टि की संभावना जताई है। जबकि उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में हल्की बारिश के साथ बिजली गिरने की संभावना है।
मैदानी क्षेत्रों में 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से आंधी आ सकती है। वहीं शुक्रवार की सुबह से चटक धूप खिली थी। दिन चढ़ने के साथ ही सूर्यदेव की तपिश ने बेहाल किया।
चमोली जिले में फिर हुई बारिश और बर्फबारी
चमोली जिले में पिछले पांच दिनों से दोपहर बाद बारिश और बर्फबारी का दौर जारी है। शुक्रवार को भी जिले के निचले क्षेत्रों में बारिश और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हुई। गुरुवार को दोपहर बाद शुरू हुई बारिश देर रात थमी।
शुक्रवार को बदरीनाथ धाम की चोटियों के साथ ही हेमकुंड साहिब, रुद्रनाथ, फूलों की घाटी व अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हुई, जबकि निचले क्षेत्रों में बारिश हुई। बारिश-बर्फबारी से मौसम में ठंडक आ गई है। बारिश से आलू और गेहूं की फसल भी खराब हो गई है।
नई टिहरी के पिपोला में 16 मकान खतरे की जद में
जाखणीधार ब्लॉक के पिपोला (ढुंगमंदार) में बादल फटने के कारण भारी नुकसान हुआ है। कई घरों में मलबा घुस गया जबकि गांव के करीब 16 लोगों के मकान खतरे की जद में आ गए हैं। सात पेयजल लाइन, पैदल रास्ते, स्कूल, पंचायत घर का अतिरिक्त कक्ष समेत ग्रामीणों की करीब एक हजार हेक्टेयर कृषि भूमि मलबे की भेंट चढ़ गई है।
बारिश के मलबे के कारण बंद हुए घनसाली-सुनहरीगाड-रजाखेत मार्ग को लोनिवि ने कड़ी मेहनत के बाद खोल दिया है। इसके साथ ही भिलंगना के मल्याकोट, घनसाली बाजार, प्रतापनगर के भरपुरियागांव में भी बारिश के मलबे के कारण भारी नुकसान हुआ है।
गुरुवार रात को पिपोला गांव के अनगढ़, कैला और डांग नामे तोक में बादल फटने के कारण गांव में भारी नुकसान हुआ है। ग्रामीणों की करीब एक हजार हेक्टेयर कृषि भूमि पर मलबा पसर गया है। घरों में मलबा घुस गया, जिससे उनके सामने रहने का संकट खड़ा हो गया।
जल जीवन मिशन के तहत गांव में हाल ही में बिछाई गई पेयजल लाइन समेत गांव में पहले से बनी छह पेयजल योजनाएं, चार टैंक, टीनशेड, प्राकृतिक पेयजल स्रोत, जूनियर हाईस्कूल का कंप्यूटर कक्ष और गांव के पैदल रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए।