शिक्षा सचिव रविनाथ रमन व राज्य सतर्कता समिति की संस्तुति पर चार पुराने रिश्वत लेने के मामले में पौड़ी के तत्कालीन सीईओ, डीईओ माध्यमिक व पटल सहायक पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जेल जाने की कहानी शुरू हो गयी है।
शिक्षा सचिव रविनाथ रमन के निर्देश के बाद पौड़ी में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।
मदन सिंह रावत, तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी, पौड़ी, हरेराम यादव, तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक, पौड़ी एवं अशासकीय विद्यालयों के पटल सहायक दिनेश गैरोला के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17(क) के अनुसार प्राथमिकी दर्ज किए जाने के आदेश के बाद विभाग में हलचल मच गई है।
यहां यह भी बता दें कि हरेराम यादव डीईओ (माध्यमिक) पद से रिटायर हो चुके हैं जबकि तत्कालीन सीईओ मदन सिंह रावत एससीईआरटी में संयुक्त निदेशक पद पर तैनात हैं।
गौरतलब है कि 2018 में वॉयरल हुए वीडियो मे शिक्षा विभाग से जुड़े ये अधिकारी रिश्वत लेते हुए कैद किये गए थे।
सितंबर 2018 में वॉयरल हुए वीडियो वीडियो में डीईओ माध्यमिक और दूसरे वीडियो में पटल सहायक पैसे गिनते व जेब में रखते हुए नजर आए थे। अब शासन के निर्देश पर एसएसपी श्वेता चौबे ने पौड़ी पुलिस को मामले में मुकदमा दर्ज करने को कहा है।
मुकदमा दर्ज होने के बाद रिश्वत के आरोपी शिक्षा विभाग के अधिकारियों के गिरफ्तार होने की उम्मीद है।
यह मामला उछलने पर महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा की संस्तुति पर जांच की कार्यवाही शुरू हुई। जांच में विलम्ब होने पर अपर सचिव योगेंद्र यादव ने जांच की। इस जांच रिपोर्ट पर सचिव रविनाथ रमन ने पुलिस महानिरीक्षक को पत्र लिख रिश्वत के आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिये।
जांच में विलंब के लिए निम्न अधिकारियों को भी चिन्हित किया गया
2. रमाशंकर सिंह, समीक्षा अधिकारी, माध्यमिक शिक्षा अनुभाग-2. उत्तराखण्ड शासन। आशा काण्डपाल, अनुभाग अधिकारी, माध्यमिक शिक्षा अनुभाग-2. उत्तराखण्ड शासन शिव विभूति रंजन, तत्कालीन अनु सचिव, माध्यमिक शिक्षा अनुभाग-2. उत्तराखण्ड शासन ।