एनआईओएस से डीएलएड शिक्षकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से एक बड़ी राहत सामने आई है… जिससे प्रदेश में शिक्षकों के 2648 पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया है… एनआईओएस डीएलएड को शिक्षक भर्ती में हाइकोर्ट ने सितंबर 2022 के फैसले पर रोक लगाई थी… जिस पर अब सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के इस फ़ैसले पर रोक लगा कर शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ़ कर दिया है… इस मामले में सुप्रीम कोर्ट 30 जनवरी 2023 सुनवाई करेगा।
एनआईओएस डीएलएड को बेसिक शिक्षक भर्ती में शामिल, करने के हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी… इसके साथ ही एनआईओएस डीएलएड अभ्यर्थियों को दो-दो हजार हर्जाना देने के आदेश पर भी रोक लग गई है। इस एनआईओएस डीएलएड को बेसिक शिक्षक भर्ती में शामिल करने के हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी।
इस मामले में हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बीएड टीईटी प्रशिक्षितों ने सुप्रीम कोर्ट में रिट की थी। उनका कहना है कि विभागीय नियमावली के लिए दो वर्षीय नियमित डीएलएड कोर्स ही बेसिक शिक्षक के लिए पात्रता है। जबकि एनआईओएस डीएलए दूरस्थ शिक्षा प्रणाली से किया गया है और इसकी अवधि महज 18 महीने की थी। जस्टिस बीआर गवई और विक्रम नाथ की पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी।
यह है मामलाः
शिक्षा विभाग बेसिक शिक्षकों के 2600 से ज्यादा पदों पर भर्ती कर रहा है। 1800 भर्तियां हो चुकी हैं। अभी 800 पदों पर भर्ती होनी बाकी है। इन पदों के लिए एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों ने भी आवेदन किया। सरकार ने 10 फरवरी 2021 को आदेश कर एनआईओएस डीएलएड को अमान्य माना था। 14 सितंबर 2022 को हाईकोर्ट ने सरकार के आदेश को निरस्त करते हुए एनआईओएस डीएलएड को भर्ती में शामिल करने को कहा था।