उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने परिक्षेत्र एवं जनपद प्रभारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करने एवं अपराध नियंत्रण के लिए विशेष अभियान की पाक्षिक समीक्षा की।
इस दौरान पुलिस महानिदेशक ने गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत दर्ज सभी अभियोगों के अभियुक्तों की अवैध रूप से अर्जित की गयी सम्पत्ति को कुर्क करने में कम कार्यवाही होने पर नाराजगी जताई और समस्त जनपद प्रभारियों को ऐसी सम्पत्तियों का शीघ्र चिन्हीकरण कर कार्यवाही बढ़ाने हेतु निर्देशित किया।
उन्होंने कहा कि आप सभी अपनी प्रोफेशनल योग्यता बढ़ाएं और जनता के हित में कार्य करें।
उन्होंने कहा की पुलिस के पास कर्तव्य पालन हेतु तीन-तीन अधिकार हैं।
सबसे पहले हमें राज्य सरकार द्वारा वर्दी दी गई है। दूसरे हमें अपराधियों से लड़ने के लिए शस्त्र दिए गए हैं और तीसरे हमारे पास कानून का अधिकार है। जिसके अन्तर्गत एफआईआर दर्ज कर सकते हैं, अपराधियों को गिरफ्तार कर सकते हैं। वही उनकी नैतिक जिम्मेदारी है कि तीनों अधिकारों का सदुपयोग पीड़ितों, गरीबों, असहायों के हित में करें। अपराधियों एवं असामाजिक तत्वों में पुलिस का डर हो एवं आम नागरिक पुलिस को देख कर खुद को सुरक्षित महसूस करें।
वीडियो कान्फ्रेसिंग में निम्न बिन्दुओं पर निर्देश दिए गए:
1. ईनामी अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करें।
2. वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु दबिश बढ़ाएं और उन पर ईनाम घोषित करें।
3. 25 हजार से अधिक ईनाम राशि वाले अभियुक्तों पर ईनाम घोषित करने के बाद उनकी फोटो सहित जानकारी को समाचार पत्रों एवं सोशल मीडिया पर प्रचारित-प्रसारित किया जाए। साथ ही बार्डर जनपदों/प्रदेशों के पुलिस थानों के साथ भी उनकी जानकारी साझा की जाए।
4. दोनों परिक्षेत्र प्रभारी प्रदेश के प्रत्येक थाने में एक महिला उपनिरीक्षक की नियुक्ति सुनिश्चित करें।
5. सोशल मीडिया पर असत्य और भ्रामक खबरें पोस्ट करने वालों पर कार्यवाही करें।
6. ऑपरेशन मुक्ति के तहत विभिन्न कारणों से स्कूलों से ड्राप हो रहे बच्चों को पुनः शिक्षा की ओर लाने में लगातार कार्य करें। जनपदीय एएचटीयू (एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट) को सक्रिय रखें। इस हेतु सहयोगार्थ लीलाधर मेमोरियल कल्याण समिति के साथ भी एम0ओ0यू0 किया गया है।