शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा है कि दसवीं और बारहवीं कक्षाओं के बाद विद्यार्थियों को विभिन्न क्षेत्रों में जाने के लिए तमन्ना एप्टिट्यूड टेस्ट से 150 शिक्षकों द्वारा दो हजार बच्चों को करियर काउंसलिंग दी जाएगी।
शिक्षा मंत्री ने सोमवार को नवोदय विद्यालय रायपुर देहरादून की वर्चुअल स्टूडियो में द करियर गुरु प्रोग्राम के उद्घाटन अवसर पर कहा कि अभी प्रदेश में 2000 बच्चों को इससे जोड़ा जाएगा।
एनसीईआरटी के माध्यम से तमन्ना एप्टिट्यूड टेस्ट पूरे देश भर में और राज्य में करवाए जा रहे हैं। जिसके माध्यम से छात्र-छात्राएं यह तय कर पाएंगे कि उन्हें किस दिशा में आगे बढ़ना है । उन्होंने कहा कि आठवीं कक्षा के बाद विद्यार्थी वोकेशनल कोर्स चुन सकते हैं जिसको लेकर 400 स्कूलों में वोकेशनल क्लासेज शुरू की जा रही है। स्नातक के पश्चात विद्यार्थी चॉइस आधारित विषय चुन सकते हैं, अर्थात साइंस, सांख्यिकी और कला संकाय के विषयों को चुन सकते हैं।
शिक्षा मंत्री डॉ रावत ने कहा कि अब जल्द ही गुजरात सरकार की तर्ज पर उत्तराखंड में भी विद्या समीक्षा केंद्र बनाए जा रहे हैं। विद्या समीक्षा केंद्र के द्वारा शिक्षक और छात्र छात्राओं के पठन-पाठन की जानकारी आसानी से उपलब्ध हो पाएगी। कक्षा में शिक्षक किस प्रकार छात्र छात्राओं को पढ़ा रहे हैं और बच्चा कैसे शिक्षा ग्रहण कर रहा है, ट्रांसफर एवं प्रमोशन सब ऑनलाइन हो जाएंगे।
शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के 40 लाख छात्र छात्राओं की हेल्थ आईडी बनाने का कार्य चल रहा है। हेल्थ आईडी के माध्यम से बच्चे का पूरा मेडिकल रिकॉर्ड ऑनलाइन हो जाएगा। हर स्कूलों में स्वास्थ्य विभाग की टीम आकर यह हेल्थ आईडी बनाने जा रही है । हेल्थ आईडी बनने के बाद ऑनलाइन चिकित्सक की परामर्श ले पाएंगे।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में शैक्षिक गुणवत्ता के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे स्वयं 200 स्कूलों का निरीक्षण कर चुके हैं। सरकार प्राइमरी स्कूलों को 5000 खेल सामग्री और 5000 पुस्तकालय के लिए दिए जा रहे हैं। जूनियर हाई स्कूल को 10000 और इंटरमीडिएट को 20000 दिए जा रहे हैं। शासकीय स्कूलों के साथ अब अशासकीय स्कूलों को भी ड्रेस जूते और किताबें मुफ्त सरकार देने जा रही है।
सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने शेवनिंग एलुमनाई फण्ड से इस प्रोजेक्ट के लिए 05 लाख रुपए की धनराशि प्रदान की। उन्होंने कहा कि आसरा ट्रस्ट विगत 13 वर्षों से देहरादून की सड़कों, मलिन बस्तियों तथा समाज के सबसे वंचित बच्चों के उत्थान के लिए कार्य कर रहा है। आसरा ट्रस्ट बच्चों की शिक्षा के साथ-साथ कौशल विकास, पोषण, चिकित्सा तथा निराश्रित बच्चों के लिए आश्रय गृह का संचालन करता है। उन्होंने कहा इसी दिशा में आसरा ट्रस्ट, प्रदेश के 10वी 12वी कक्षा के छात्र एवं छात्राओं के सही प्रकार से करियर चयन हेतु मार्गदर्शन करने शेवनिंग एलुमनाई फण्ड द्वारा वित्तपोषित “द करियर गुरु कार्यक्रम का संचालन करने जा रहा है।