सचिव आपदा प्रबन्धन डा0 रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत एवं बचाव, स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्यो की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार की ओर से प्रति परिवार विस्थापन हेतु अग्रिम के रूप मे 190 प्रभावित परिवारों को 2.85 करोड़ रूपये की धनराशि वितरित कर दी गयी है।
जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 6 जनवरी 2023 को 540 एल.पी.एम. था, वर्तमान में घटकर 163 एल.पी.एम. हो गया है। सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि भारत सरकार के स्तर पर सीबीआरआई द्वारा भवनों के क्षति का आकलन हेतु क्रेक मीटर सम्बन्धित भवनों पर लगाये गये है। अभी तक 400 घरों का क्षति आंकलन किया जा चुका है। वाडिया संस्थान द्वारा 03 भूकम्पीय स्टेशन लगाये जा चुके है, जिन से आंकड़े भी प्राप्त किये जा रहे हैं। एनजीआईआर द्वारा हाइड्रोलॉजिकल सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है। सीबीआरआई, आईआईटी रूड़की, वाडिया इन्स्टीट्यूट, जीएसआई, आईआईआरएस जोशीमठ में कार्य कर रही हैं।
सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 615 कक्ष/कमरे है जिनकी क्षमता 2190 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष/कमरे है जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। प्रभावितों को वितरित राहत राशि के तहत प्रति परिवार 5000 रूपये की दर से घरेलू राहत सामाग्री हेतु अभी तक कुल 73 ( कुल 3.65 लाख रूपये ) प्रभावितों को वितरित की गई है। तीक्ष्ण / पूर्ण क्षतिग्रस्त भवन हेतु 10 प्रभावितों को 13.00 लाख रूपये धनराशि वितरित की गई है। मकान किराये के लोग आवेदन कर रहे हैं।
सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि अभी तक 849 भवनों की संख्या जिनमें दरारें दृष्टिगत हुई है। सर्वेक्षण का कार्य गतिमान है। उन्होनें जानकारी दी कि गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र / वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 165 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 237 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये है। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 800 है।