गिरफ्तार 13 बेरोजगार संघ के कार्यकर्ताओं में से 6 की जमानत मंजूर, पढ़ें पूरा आदेश

गिरफ्तार 13 बेरोजगारों संघ के युवाओं में से 6 की जमानत मंजूर हो गई है बाकी संघ के अध्यक्ष बाबी पंवार समेत 6 की जमानत याचिका खारिज हो गई। गौरतलब है की 9 फरवरी को पथराव और लाठीचार्ज के बाद 13 बेरोजगार संघ के आंदोलनकारियों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था।

कोर्ट आदेश:

राज्य

बनाम

मु0अ0सं0 57/2023 अंधारा 146,147,188,324,332,353,427, 341 व 34 भादसंव

व धारा 3/4 लोक सम्पत्ति नुकसान अधिनियम, तथा धारा 07 किमनल लॉ एमन्डमेंटे अधिनियम

दिनांक 11.02.2023

थाना कोतवाली देहरादून।

प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण 1. रमेश तोमर 2. अमित पंवार, 3 संदीप, 4. मुकेश सिंह, 5, अनिल कुमार, 6, अमन चौहान, 7. शुभम सिंह नेगी. 8. लुसून टोडरिया, 9. हरिओम भट्ट, 10. मोहन कैथोला, 11. बाबी पंवार 12 नितिन दत्त, 13, राम कण्डवाल की ओर से आज यह प्रार्थनापत्र जरिये वि० अधिवक्ता श्री अजय त्यागी यह कहते हुए प्रस्तुत किया गया है, कि प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण में से कुछ अभियुक्तगण का कल ( दिनांक 12.02.2023) संडे में आयोजित लेखपाल भर्ती परीक्षा में प्रतिभाग किया जाना है। अतः उनके जमानत प्रार्थनापत्र पर आज ही न्यायोचित सुनवाई किये जाने की याचना की गई है। जिस पर विचार किया गया। अभियुक्तगण / प्रार्थीगण के भविष्य के दृष्टिगत अभियुक्तगण की ओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थनापत्र पर सुनवाई किया जाना न्यायोचित पाता है। तदनुसार जमानत प्रार्थपापत्र पर सुनवाई की जा रही है।

2 उपर्युक्तः प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण की ओर से यह जमानत प्रार्थना पत्र मु0अ0सं0 57/2023 अंo / धारा अंधारा 148,147, 188, 324, 332,353427,341 व 34 भा०दसं0 1860, द धारा 3/4 लोक सम्पत्ति नुकसान अधिनियम तथा चारा 07 किमनल लॉ एमन्डमेंटे अधिनियम अंतर्गत थाना कोतवाली, जरिये विद्वान अधिवक्त श्री अनिल कुमार शर्मा, अजय त्यागी, आशीष गुप्ता यह कहते हुए प्रस्तुत किया है कि अभियुक्तगण द्वारा उपरोक्त अपराध नहीं किया है। उसे झूठा फंसाया गया है। ये उपरोक्त पते का निवासी है उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। वह न्यायालय के आदेशानुसार अपनी जमानत देने को तैयार है। अतः उहें जमानत पर रिहा किये जाने की याचना की गई।

3 अभियोजन अधिकारी श्रीमती ममता मनाली की ओर से लिखित आपत्ति प्रस्तुत की गई है, कि जिन से प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण का कल (दिनांक 12.02.2023) लेखपाल भर्ती परीक्षा होनी है, उनके भविष्य के दृष्टिगत उन्हें सशर्त जमानत दिये जाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।

4. शेष प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण के संबंध में आख्या दी है, कि उनके द्वारा शहर के अंदर शांति भंग व विधि व्यवस्था तथा अभियुक्तगण द्वारा कारित कृत्य के दृष्टिगत उनके जमानत प्रार्थनापत्र का घोर विरोध किया गया है कि आपत्ति की है कि कल (दिनांक 12.02.2023) राज्य के विभिन्न जिलों में लेखपाल भर्ती परीक्षा का आयोजन किया जाना है। ऐसे में अन्य अभियुक्तगण, जिनकी परीक्षा नहीं है, उनके द्वारा परीक्षा में बाधा उत्पन्न किये जाने की पूर्ण संभावना है। उक्त प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण बेरोजगार छात्र संघ के नेता होने के साथ उग्र. उनके सोशल विडियो कालिंग पर उन्मादी भीड़ एकत्रित हुई है। प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की याचना की गई है। अतः उनके जमानत

5. विद्वान अधिवक्ता व विद्वान अभियोजन अधिकारी को सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। 6. प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण के जमानत प्रार्थनापत्र पर न्यायालय द्वारा इस आधार पर सुनवाई की

जा रही है, कि प्रार्थीगण/अभियुक्तगण में से कुछ लोगों की, कल (दिनांक 12.02.2023) को लेखपाल भर्ती प्रतियोगिता परीक्षा है। परीक्षा में अभियुक्तगण की आरे से प्रवेश पत्र प्रस्तुत किये गये है। जिनके अवलोकन से स्पष्ट है कि दिनांक 12.02.2023 को राज्य के सभी जिलों में लेखपाल भर्ती प्रतियोगिता परीक्षा आयोजन की जानी है। जिसमें से प्रार्थी / अभियुक्त संदीप, अमित पंवार, मुकेश सिंह, अमन चौहान, शुभम सिंह नेगी व अनिल कुमार को आयोग द्वारा प्रवेशपत्र जारी की गई है। परीक्षा में सम्मिलित होने के कारण जमानत प्रार्थनापत्र पर सुनवाई की जा रही है। ऐसे में शेष 7 प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण और से कोई आवश्यकता दर्शित नहीं की गई है। परिणामस्वरूप उनके जमानत प्रार्थनापत्र पर इस समय विचार किये जाने का कोई न्यायोचित आधार नहीं है। अतः संयुक्त जमानत प्रार्थनापत्र में से प्रार्थी / अभियुक्त सदीप, अमित पंवार, मुकेश सिंह, अमन चौहान, शुभम सिंह नेगी व अनिल कुमार के जमानत प्रार्थनापत्र पर विचार किया जा रहा है।

7. प्रपत्रों के अवलोकन से विदित है कि प्रार्थीगण / अभियुक्तगण व सह अभियुक्तगणा के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 7/20023. अं० / धारा अंधारा 146,147,188, 307. 332,353,427,341 व 34 मा0दसं0 1850 3/4 लोक सम्पत्ति नुकसान अधिनियम, तथा धारा 07 किमनल लॉ एमन्डमेंटे अधिनियम के तहत यह कहते हुए दर्ज कराई गई है, कि अभियुक्तगण द्वारा अन्य व्यक्तियो के साथ मिलकर विधि विरुद्ध जमाव कर आने जाने वालो का रास्ता अवरुद्ध कर, धरना, प्रदर्शन किया गया। पुलिस के उच्चाधिकारियों व प्रशासन के अन्य अधिकारियों के द्वारा समझाने पर उनके कार्य में बाधा उत्पन्न किया गया तथा मारपीट कर वर्दी भाड़ दिया तथा सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुँचाया गया है। समर्थन में अभियोजन की ओर से सरकारी सम्पत्ति का विवरण तथा नुकसान के अनुमान का कोई विवरण प्रस्तुत नहीं किया गया है। दोराने ति फाड़ी गई वर्दी इत्यादि प्रस्तुत नहीं किया गया है। चोटिल पुलिस कर्मियों आख्या से विदित है, कि चोटिल पर आई चोटों साधरण प्रकृति की है। अभियुक्तगण का इतिहास का प्रमाण उपलब्ध नहीं है।

8. अभियुक्तगण का प्रथमं रिण्ड 140, 47,188, 324, 332, 353,427, 341 व 34 भा०दसं०. 1860, व धारा 3/4 लोक सम्पति अधिनियम तथा धारा 07 किमनल लॉ एमन्डमेंटे अधिनियम स्वीकार किया गया है। धारा 140,147,188 व 324 भा0द0स0, 18604 छोडकर सभी धाराये अजमानतीय प्रकृति की है। प्रार्थीगण/अभियुक्तगण दिनांक 10.02.2023 से न्यायिक अभिरक्षा में है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। ऐसी परिस्थिति में अभियुक्तगण संदीप, अमित पंवार, मुकेश सिंह, अमन चौहान, शुभम सिंह नेगी व अनिल कुमार के भविष्य व रोजगार के स्वर्णीत अवसर के दृष्टिगत मामले में गुण-दोष पर विचार किये बिना उपयुक्त चर्चा के आधार पर यह न्यायालय सशर्त पाती है। जमानत पर छोड़े जाने का पर्याप्त आधार

आदेश

प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण संदीप, अनिल पवार, मुकेश सिंह, अमन चौहान, शुभम सिंह नेगी

व अनिल कुमार का जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किया जाता है। प्रत्येक प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा 30,000/-रू0 का व्यक्तिगत बंधपत्र व समान धनराशि की दो-दो प्रतिभू दाखिल पर निम्न शर्ता के अधीन जगात प्रार्थनापत्र स्वीकार किया जाता है। (क) प्रार्थी / अभियुक्त निष्पादित पत्र की शर्तों के अनुसार हाजिर होगा।

(ख) प्रार्थी / अभियुक्त उस अपराध जैसा, जिसको करने का उस पर

अभियोग या संदेह है, कोई अपराध नहीं करेगा।

(ग) प्रार्थी / अभियुक्त मामले से अवगत किसी व्यक्ति को न्यायालय या किसी पुलिस अधिकारी को समझ से उयों को प्रकट न करने के लिए मनाने के वास्ते, प्रत्यक्षतः या अप्रत्यक्षतः उसे कोई उतरण, धमकी या वचन नहीं देगा या साक्ष्य को नहीं बिगाडेगा।

इसके अतिरिक्त प्रार्थीगण/ गण इस बात की अण्डरटेकिंग प्रस्तुत करे, कि वह किसी उग्र आंदोलन में नहीं लेगें तथा सरकारी सम्पत्ति को क्षति नहीं पहुँचायेंगे अथवा आंदोलन एवं सरकारी सम्पत्ति को नुकसानन किये जाने हेतु किसी प्रकार का कोइर्द कारण नहीं बनेगें।

उत्तराखण्ड किमनल कोर्ट प्रोसिजर पेक्टिस सल 2021, नियम 33 (यथा संशोधन) के अनुक्रम में कार्यालय को आदेशित किया जाता है, कि निरुद्ध अभियुक्त को, जरिये जेल अधीक्षक, जमानत प्रार्थनापत्र, आख्या व आदेश की प्रति प्राप्त कराये जाने हेतु प्रेषित।

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