नेलांग घाटी पर्यटकों से गुलजार होने लगी है। दिल्ली के पर्यटकों का दल घाटी की सुंदरता देखकर अभिभूत हुआ। इस दौरान पर्यटकों को घाटी में भरल (नीली भेड़) भी दिखी। बीते शनिवार को दिल्ली के पर्यटक दंपती अनूर पांडे व अंजू छाबड़ा, ओमप्रकाश व स्थानीय टूर एंड ट्रैकिंग एजेंसी संचालक तिलक सोनी के साथ नेलांग घाटी का दीदार करने पहुंचे थे।
पर्यटक अनूर पांडे ने बताया कि उन्होंने नेलांग घाटी के बारे में बहुत सालों से सुना था जब उन्हें एक अप्रैल को घाटी के पर्यटकों के लिए खुलने की बात पता चली तो वे यहां पहुंचे। पर्यटक ओमप्रकाश ने कहा कि उन्होंने कई पर्यटक स्थलों का भ्रमण किया है लेकिन नेलांग घाटी बेहद सुंदर है।
तिलक सोनी ने बताया कि नेलांग घाटी तिब्बती पठार का क्षेत्र है। यहां केवल 500 किमी की दूरी पर देखने को मिल जाती है।
घाटी में खड़ी पहाड़ियों के बीच से हिमालय का दीदार आकर्षित करता है। बताया कि कुछ दिन बाद केरल, कर्नाटक व तमिलनाडु के 9 से 10 पर्यटकों का एक अन्य दल यहां पहुंच रहा है।
इनर लाइन होने के चलते विदेशी पर्यटकों को नहीं है अनुमति नेलांग घाटी में पर्यटक भैंरोघाटी चेक पोस्ट से नेलांग घाटी में स्थित पहली चेकपोस्ट नेलांग तक 23 किमी तक ही आवाजाही कर सकते हैं।
भारत-चीन सीमा से लगी इस घाटी में सुरक्षा कारणों से पर्यटकों को केवल नेलांग चेकपोस्ट तक ही आवाजाही की अनुमति है। इनर लाइन का क्षेत्र होने के चलते विदेशी पर्यटकों को अनुमति नहीं है। यहां पहुंचने के लिए पर्यटकों को 150 रुपए का शुल्क अदा कर प्रशासन से अनुमति लेनी होती है।
नेलांग घाटी के प्रति पर्यटकों में आकर्षण बढ़ा है। पिछले साल यहां करीब 400 पर्यटक पहुंचे थे। इस बार रिकॉर्ड संख्या में पर्यटकों के पहुंचने की उम्मीद है। -आरएन पांडे, उप निदेशक गंगोत्री नेशनल पार्क।