शिक्षकों की भर्ती में शासन ने पहले बीएड और एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों को शामिल किया था, लेकिन बाद में एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों को अपात्र बताते हुए उन्हें भर्ती से बाहर कर दिया। इसके खिलाफ अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट चले गए।
एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थी 2,906 पदों पर चल रही शिक्षक भर्ती के मामले में फिर से हाईकोर्ट पहुंच गए। हाईकोर्ट ने उन्हें भर्ती में शामिल न करने के मामले में शिक्षा निदेशालय और शासन से 24 दिसंबर तक जवाब मांगा है।
प्रदेश में चल रही शिक्षकों की भर्ती में शासन ने पहले बीएड और एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों को शामिल किया था, लेकिन बाद में एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों को अपात्र बताते हुए उन्हें भर्ती से बाहर कर दिया। इसके खिलाफ अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट चले गए।
सुप्रीम कोर्ट से उन्हें प्राथमिक में सहायक अध्यापक के पद के लिए पात्र और बीएड अभ्यर्थियों को अपात्र घोषित किया गया। इस बीच शिक्षकों की भर्ती के लिए पांच चरणों में काउंसलिंग भी पूरी हो चुकी है। 1800 से अधिक अभ्यर्थियों को नियुक्तिपत्र दिए जा चुके हैं, लेकिन एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थी एक बार फिर प्रकरण को लेकर हाईकोर्ट पहुंच गए।
प्रभारी शिक्षा निदेशक आरएल आर्य के मुताबिक, हाईकोर्ट ने मामले में शिक्षा निदेशालय और शासन से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों को पात्र माना तो इन्हें शिक्षक भर्ती में शामिल क्यों नहीं किया गया।