अतिवृष्टि की सूचना देने के लिए मौसम की पूर्व सूचना देने वाली संस्था की सेवा लेने के साथ भुगतान किया जाएगा। विश्व बैंक पोषित यू प्रिपेयर योजना के तहत होगा। इस परियोजना से जुड़े अधिकारियों के अनुसार पूर्व चेतावनी देने के लिए कई संस्थाओं की मदद लेंगे।
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) आपदा के खतरे की सूचना प्राप्त करने और उसकी जानकारी लोगों तक पहुंचाने की योजना पर काम कर रहा है। इसके लिए आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में आपातकालीन सूचना केंद्र को अपग्रेड कर मल्टी हेजर्ड अर्ली वार्निंग डिसिजन सिस्टम से जोड़ा जाएगा। यहां से संबंधित इलाकों में चेतावनी की सूचना दी जाएगी। इसके लिए जगह- जगह पर सायरन लगाने का काम भी होगा
राज्य प्राकृतिक आपदा से जूझता रहता है। अतिवृष्टि, भूस्खलन, भूधंसाव, बाढ़ से लेकर वनाग्नि की घटनाएं सामने आती रहती हैं। इस साल ही मानसून के बाद से कई लोगों ने जिंदगी को खो दिया और कई लापता हो गए। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण आपदा होने के बाद बचाव अभियान चलाता है, इसके साथ ही वह खतरे की आशंका की पूर्व सूचना पहले देने की व्यवस्था को लेकर भी काम कर रहा है। इसके तहत यूएसडीएमए में मौजूद आपातकालीन सूचना केंद्र को और अपग्रेड किया जाएगा। इसे मल्टी हेजर्ड अर्ली वार्निंग डिसिजन सिस्टम से जोड़ा जाएगा।
कैसे होगा कार्य
यह कार्य विश्व बैंक पोषित यू प्रिपेयर योजना के तहत होगा। इस परियोजना से जुड़े अधिकारियों के अनुसार पूर्व चेतावनी देने के लिए कई संस्थाओं की मदद लेंगे। इसमें अतिवृष्टि की सूचना देने के लिए मौसम की पूर्व सूचना देने वाली संस्था की सेवा लेने के साथ भुगतान किया जाएगा।
इसकी सूचना सही है, जिसकी पड़ताल के बाद ही भुगतान होगा। इसी तरह जंगल की आग की सूचना के लिए एफएसआई की सेवा ली जाएगी। इसी तरह अन्य संस्थाओं से भूंकप समेत अन्य प्राकृतिक आपदाओं की सूचना प्राप्त किया जाएगा।
यह सूचना पहले मल्टी हेजर्ड अर्ली वार्निंग डिसिजन सिस्टम में आएगी। यहां पर उसकी सूचनाओं को एनालिसिस कर कर राज्य आपातकालीन सूचना केंद्र में भेजा जाएगा। फिर इस केंद्र से चेतावनी देने का काम होगा।इसकी सूचना देने के लिए सायरन का भी इस्तेमाल किया जाएगा, जो कि आपातकालीन सूचना केंद्र से जुड़ा होगा। अधिकारियों के अनुसार प्रयास रहेगा कि चेतावनी संबंधी सूचनाओं को ज्यादा स्थानीय स्तर पर दिया जा सके।
82 लोगों की आपदा में हुई मौत
इस साल आपदा में कई लोगों ने जिंदगी को खाया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसाार जून के बाद से राज्य में 82 लोगों की मौत हुई। घटनाओं में 37 लोग घायल हुए थे। इसके अलावा 28 लोग लापता हैं। इसके अलावा 3326 घरों का आंशिक नुकसान हुआ। 473 को मकानों को काफी नुकसान पहुंचा और 135 मकान पूरी तरह नष्ट हो गए।