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उत्तराखंड में शहीद सैनिकों के परिवारों को राहत – अनुकंपा नियुक्ति की समयसीमा बढ़ी
उत्तराखंड सरकार ने शहीद सैनिकों के परिवारों के लिए एक ऐतिहासिक और संवेदनशील निर्णय लिया है, जिससे उन्हें अब सरकारी सेवाओं में अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन करने के लिए 2 साल के बजाय 5 साल का समय मिलेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में 19 फरवरी को हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। सरकार के इस फैसले से उन परिवारों को राहत मिलेगी, जो मानसिक आघात और प्रशासनिक प्रक्रियाओं के कारण तय समय में आवेदन नहीं कर पाते थे।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्य मंत्रिमंडल का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह निर्णय शहीद परिवारों को आर्थिक और सामाजिक संबल प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि अब तक 27 शहीद परिवारों को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है, और इस नई व्यवस्था से भविष्य में और अधिक परिवारों को राहत मिलेगी। यह फैसला सरकार की शहीद सैनिकों के परिवारों के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता को दर्शाता है।
इस निर्णय की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि कई बार शहीद सैनिकों के आश्रित छोटे बच्चे होते हैं, जो 2 साल के भीतर नौकरी के लिए आवेदन करने योग्य नहीं हो पाते। इसके अलावा, परिवार अपने प्रियजन को खोने के गम से उबरने और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पूरा करने में अधिक समय लेते हैं। पहले की 2 साल की सीमा के कारण कई परिवार अनुकंपा नियुक्ति से वंचित रह जाते थे। अब 5 साल की अवधि होने से उन्हें अधिक समय और अवसर मिलेगा, जिससे वे सरकारी सेवा में शामिल होकर सम्मानजनक जीवन जी सकेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 26 जुलाई 2024 को कारगिल विजय दिवस के अवसर पर इस महत्वपूर्ण घोषणा को किया था। अब कैबिनेट की मंजूरी के बाद यह नियम लागू कर दिया गया है। यह निर्णय उत्तराखंड को “सैन्यभूमि” के रूप में और मजबूत करेगा और शहीद परिवारों को समुचित सम्मान और सहयोग प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।