केदारनाथ धाम में पहली बार आधुनिक अस्पताल, स्क्रीनिंग से लेकर स्पेशलिस्ट तक तैयारियां पूरी
स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए धाम में मिलेगा 17 बेड का आधुनिक अस्पताल
देहरादून। इस साल की चारधाम यात्रा तीर्थयात्रियों के लिए पहले से कहीं अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक होने जा रही है। पहली बार केदारनाथ धाम में एक 17–बेड वाला आधुनिक अस्पताल संचालित होगा, जिसमें तीर्थयात्रियों को एक्सरे, ब्लड टेस्ट, ईसीजी और ऑर्थो विशेषज्ञ जैसी चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी। यह अस्पताल दो मंजिला होगा और इसका निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। यात्रा से पहले इसे पूरी तरह संचालित करने का भरोसा निर्माण संस्था ने दिया है।
बुधवार को सचिवालय में स्वास्थ्य सचिव डाॅ. आर. राजेश कुमार ने चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षित और सहज यात्रा के लिए स्वास्थ्य विभाग एक सुदृढ़ और आधुनिक चिकित्सा ढांचे पर कार्य कर रहा है। इसके तहत यात्रा मार्गों और धाम स्थलों पर चिकित्सा सुविधाओं को सशक्त बनाया गया है।
इस बार स्वास्थ्य विभाग ने स्क्रीनिंग प्वाइंट्स पर विशेष ध्यान दिया है। 50 वर्ष से अधिक आयु के यात्रियों की अनिवार्य स्वास्थ्य जांच की जाएगी। इसके लिए कुल 12 हेलिपैड और पार्किंग स्थलों पर स्क्रीनिंग टीमों को तैनात किया जा रहा है। साथ ही, फाटा अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ के साथ एक्सरे सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अतिरिक्त, केदारनाथ जाने वाले पैदल मार्ग पर 12 चिकित्सा इकाइयों में प्रशिक्षित चिकित्सकों और फार्मासिस्टों की तैनाती की जा रही है, जो आपात स्थिति में तत्परता से सहायता प्रदान करेंगे।
तीर्थयात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक जानकारी स्पष्ट रूप से प्रदान करने के लिए 13 भाषाओं में बहुभाषी हेल्थ एडवाइजरी तैयार की गई है। यह एडवाइजरी यात्रा मार्गों पर होटलों, रेस्टोरेंट्स और पार्किंग स्थलों पर QR कोड के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा, जाम संभावित क्षेत्रों और ठहराव स्थलों पर बड़े-बड़े होर्डिंग्स के माध्यम से भी जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में भी व्यापक तैयारियाँ की गई हैं। इन धामों के स्क्रीनिंग प्वाइंट्स पर 28 अप्रैल से डॉक्टरों और सहायक कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। गंगोत्री और जानकीचट्टी में विशेषज्ञ फिजिशियन भी नियुक्त किए जा रहे हैं। इसके अलावा, यात्रा मार्ग पर 108 एंबुलेंस सेवा को भी एक्टिव मोड में रखा गया है।
पूरे चारधाम यात्रा मार्ग पर 70 डॉक्टरों की स्थायी तैनाती पहले से ही की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त, अन्य जिलों से विशेषज्ञ डॉक्टरों की रोटेशनल तैनाती भी हर 15 दिन पर की जाएगी। इन डॉक्टरों में ऑर्थो सर्जन, फिजिशियन, एनेस्थेटिस्ट और जनरल सर्जन शामिल होंगे। इसके साथ ही, 121 स्टाफ नर्स, 26 फार्मासिस्ट, 309 ऑक्सीजन बेड, छह आईसीयू बेड, एक ब्लड बैंक और दो ब्लड स्टोरेज यूनिट भी यात्रा मार्ग पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
इस बार पांच नए स्थानों — गौचर, लांगसू, मंडल, कटोरा और हनुमान चट्टी — में मेडिकल रिलीफ पोस्ट (MRP) की स्थापना की जाएगी। पहले से संचालित बदरीनाथ, गोविंदगढ़ और पालना भंडार के एमआरपी भी सक्रिय रहेंगे। इसके अतिरिक्त, बदरीनाथ धाम में स्वामी विवेकानंद संस्था के सहयोग से एक अलग स्क्रीनिंग सेंटर भी चालू किया जाएगा।
स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ इस बार खाद्य सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की ओर से यात्रा मार्ग पर खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की नियमित जांच की जाएगी। बिना पंजीकरण के खाद्य उत्पाद बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए एक मोबाइल फूड टेस्टिंग वैन भी तैनात की गई है, जो मौके पर जाकर खाद्य सैंपलों की जांच करेगी।
कुल मिलाकर, इस बार की चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं को न केवल धार्मिक आस्था का अनुभव मिलेगा, बल्कि उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधा और सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी।