गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुले, उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

गंगोत्री

विश्वप्रसिद्ध गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर श्रद्धालुओं के लिए खोले गए, शुरू हुई छह माह की आध्यात्मिक यात्रा

अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर बुधवार को उत्तराखंड स्थित विश्वप्रसिद्ध गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु विधिपूर्वक खोल दिए गए। अब आगामी छह माह तक श्रद्धालु मां गंगा और मां यमुना के पवित्र धामों में दर्शन और पूजन का लाभ उठा सकेंगे। यह धार्मिक आयोजन चारधाम यात्रा की औपचारिक शुरुआत का प्रतीक भी है, जिसमें देशभर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं

बुधवार प्रातः 10 बजकर 30 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त में गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए। इस अवसर पर विधिवत पूजा-अर्चना की गई और सबसे पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से संपन्न की गई, जो परंपरा के अनुसार सर्वोच्च सम्मान मानी जाती है। जैसे ही कपाट खुले, समूचा गंगोत्री धाम ‘जय मां गंगे’ के जयकारों से गूंज उठा और भक्तिमय वातावरण में श्रद्धालुओं की भावनाएं उमड़ पड़ीं।

इस ऐतिहासिक अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं गंगोत्री धाम पहुंचे और मां गंगा के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इस धार्मिक आयोजन के साथ ही औपचारिक रूप से उत्तराखंड की चारधाम यात्रा का शुभारंभ हो गया है। यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं का आना-जाना आरंभ हो गया है और पूरे क्षेत्र में भक्तिमय उत्साह का माहौल बना हुआ है।

देश के विभिन्न राज्यों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगोत्री धाम पहुंचे श्रद्धालुओं ने मां गंगा की विग्रह मूर्ति के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया। गंगोत्री मंदिर परिसर को इस शुभ अवसर पर विशेष रूप से सजाया गया था। मंदिर परिसर को करीब 15 कुंटल फूलों से अलंकृत किया गया, जिससे संपूर्ण धाम एक दिव्य और भव्य रूप में परिवर्तित हो गया था। अब श्रद्धालु निरंतर छह महीनों तक यहां आकर मां गंगा की आराधना कर सकेंगे और आध्यात्मिक सुख की अनुभूति प्राप्त कर सकेंगे।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम: हर कोने पर रखी जा रही पैनी नजर

गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे अतिमहत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों पर यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने मिलकर व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए हैं, जिससे यात्रा निर्बाध और सुरक्षित रूप से संचालित हो सके। पूरे क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर आतंकवाद निरोधक दस्ते, अर्धसैनिक बलों और पुलिस के जवानों की तैनाती की गई है।

विशेष रूप से 10 स्थानों पर आतंकवाद निरोधक दस्ता लगातार तैनात रहेगा, जो किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूर्ण रूप से सक्षम है। इसके अलावा सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 10 कंपनियाँ पैरामिलिट्री फोर्स की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है, जो शीघ्र ही ड्यूटी पर आ जाएंगी।

उत्तराखंड पीएसी की 17 कंपनियाँ पहले ही चारधाम यात्रा के दौरान तैनात कर दी गई हैं। इन कंपनियों के साथ-साथ कुल 6,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती भी यात्रा मार्गों पर की गई है। इसके अतिरिक्त 65 प्रमुख स्थानों पर एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिवादन बल) की टीमें तैनात की गई हैं, जो किसी भी प्राकृतिक आपदा या आकस्मिक घटना से निपटने के लिए हर समय तैयार रहेंगी।

पूरे यात्रा मार्ग की निगरानी अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से की जा रही है। ड्रोन के जरिये पूरे रूट की हवाई निगरानी की जाएगी, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। सुरक्षा और यातायात व्यवस्था की निगरानी के लिए 2,000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी फीड अलग-अलग क्षेत्रों के कंट्रोल रूम में निरंतर प्राप्त हो रही है। यह व्यवस्था यात्रियों की सुरक्षा के साथ-साथ यात्रा की सहजता और निर्बाध संचालन को सुनिश्चित करेगी।

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड की चारधाम यात्रा का श्रीगणेश हो चुका है और अब छह माह तक देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु इस पुण्य यात्रा में भाग लेकर आध्यात्मिक अनुभूति प्राप्त करेंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here