देवभूमि के 151 अनाथ बच्चों को मिला नया परिवार, 23 देशों में मिली गोद

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उत्तराखंड में बच्चों के लिए खुशखबरी: 174 मासूमों को मिला नया परिवार, 23 बच्चों को विदेशों में गोद लिया गया

उत्तराखंड में बिना माता-पिता के जीवन बिता रहे बच्चों के लिए एक शानदार खबर आई है। राज्य के महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने जानकारी दी है कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से कुल 174 मासूमों को नया परिवार मिला है। इनमें से 23 को विदेशों में गोद लिया गया है, जिनमें तीन दिव्यांग हैं, और बाकी 151 को देश के विभिन्न राज्यों में भेजा गया है। यह एक सकारात्मक और उत्साहजनक कदम है, जो इन मासूमों के जीवन में खुशियों की एक नई रोशनी लेकर आया है।

राज्य के अलग-अलग शहरों में पल रहे इन बच्चों के लिए यह एक अभूतपूर्व मौका है। 23 को विदेशों में गोद लिया गया है, और ये अब कनाडा, स्पेन, इटली, जर्मनी, बेल्जियम, नीदरलैंड्स, और फ्रांस जैसे देशों में नए परिवारों के साथ खुशी से रहेंगे। इनमें से तीन को विशेष देखभाल की आवश्यकता थी, जिन्हें ऐसे परिवार मिले हैं जो उनका सही तरीके से ख्याल रखेंगे। यह कदम उनके उज्जवल भविष्य के लिए एक बड़ा कदम साबित होगा।

उत्तराखंड में चल रही दत्तक ग्रहण प्रक्रिया

महिला एवं बाल कल्याण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य में वर्तमान में करीब 170 दत्तक ग्रहण के आवेदन लंबित हैं, जो यह दर्शाता है कि लोग बच्चों को गोद लेने के प्रति काफी जागरूक हो रहे हैं। राज्य के देहरादून, हरिद्वार, और अल्मोड़ा जैसे शहरों में स्थित विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसियों में 22 अन्य मासूमों की दत्तक ग्रहण प्रक्रिया चल रही है, जो जल्द ही नए परिवारों के पास जाएंगे।

इस प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी और व्यवस्थित तरीके से किया जाता है, ताकि इनकी खुशहाली और भलाई सुनिश्चित की जा सके। इसके बाद, इनकी स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति की भी नियमित निगरानी की जाती है।

समाज में बढ़ रही दत्तक ग्रहण की जागरूकता

इस प्रयास से यह साफ जाहिर होता है कि उत्तराखंड में दत्तक ग्रहण की जागरूकता और रुचि लगातार बढ़ रही है। राज्य सरकार की यह पहल बच्चों के उज्जवल भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है। अब अधिक से अधिक परिवार दत्तक ग्रहण के लिए सामने आ रहे हैं और इन मासूमों को प्यार और देखभाल देने के लिए तैयार हैं

उत्तराखंड में दत्तक ग्रहण की इस प्रक्रिया से न केवल इन बच्चों का भविष्य बेहतर हो रहा है, बल्कि समाज में जिम्मेदारी और संवेदनशीलता का भी संदेश जा रहा है। यह एक सशक्त कदम है जो हमें यह सिखाता है कि बच्चों का जीवन बेहतर बनाने के लिए हम सब एक साथ काम कर सकते हैं।

इस पहल के जरिए कई मासूमों को उनके जीवन में नया परिवार और अवसर मिला है। यह कदम समाज में एक उदाहरण प्रस्तुत करता है कि हमें मिलजुल कर बेहतर भविष्य के लिए काम करना चाहिए। महिला एवं बाल कल्याण विभाग की यह पहल निश्चित ही समाज में एक नई उम्मीद और खुशियों का संचार करेगी

अधिकारी ने यह भी कहा कि यह प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी और आने वाले दिनों में और भी मासूमों को नया परिवार मिलेगा

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