हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) की हजारों बैचलर इन होटल मैनेजमेंट (बीएचएम) डिग्रियां अवैध करार दे दी गई हैं। एचपीयू प्रशासन ने नया कारनामा करते हुए यूजीसी के नियमों को दरकिनार कर चार वर्ष की बीएचएम डिग्री को तीन वर्ष में ही पूरा करवा दिया।
निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने शिकायतों के आधार पर की गई जांच में इस बड़ी गड़बड़ी को पकड़ा है।यूजीसी और तकनीकी शिक्षा विश्वविद्यालय को भी आयोग ने मामले से अवगत करवा दिया है।
एचपीयू के अलावा प्रदेश के चार निजी कॉलेजों में भी नियमों के खिलाफ इन डिग्रियों को दिया गया है। पूरे प्रदेश में करीब तीन हजार डिग्रियां अब संदेह के घेरे में आ गई हैं।
यूजीसी की अधिसूचना नंबर एफ 5-1/2013 (सीपीटी-2) दिनांक 5 जुलाई 2014 के अनुसार बीएचएम डिग्री चार वर्ष की होती है। वर्ष 2015 में एचपीयू प्रशासन ने यह डिग्री शुरू की, लेकिन लापरवाही बरतते हुए इन डिग्रियों को चार वर्ष बाद देने की जगह तीन वर्ष में ही दे दिया।
इसके अलावा एचपीयू ने चार कॉलेजों को भी बीएचएम सहित बीएससी एचएम और बीएचएम केटरिंग करने को मान्यता दी है।