उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर गतिविधियां तेज हो गई हैं। ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायतों का कार्यकाल वर्ष 2024 में समाप्त हो गया था। इस दौरान चुनाव न हो पाने के कारण पहले निवर्तमान जनप्रतिनिधियों और फिर प्रशासनिक अधिकारियों को पंचायतों का प्रशासक नियुक्त किया गया।
अब राज्य निर्वाचन आयोग और शासन की ओर से चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है। शासन द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, पंचायत चुनाव जुलाई 2025 में कराए जाने की तैयारी है। आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है, जिससे चुनाव कार्यक्रम जल्द घोषित होने की संभावना है।
बरसात में पहली बार पंचायत चुनाव की संभावना
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और पंचायत संगठनों का कहना है कि यदि चुनाव जुलाई में होते हैं, तो यह राज्य गठन के बाद पहली बार होगा जब बरसात के मौसम में पंचायत चुनाव होंगे। इससे मतदान प्रतिशत पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है, वहीं मतदान दलों के लिए दूरस्थ और दुर्गम इलाकों में पहुंचना चुनौतीपूर्ण रहेगा।
2019 में रिकॉर्ड 69.59% मतदान
अक्तूबर 2019 में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदाताओं ने व्यापक उत्साह दिखाया था। उस समय राज्य में 69.59 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।
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ऊधमसिंह नगर में सर्वाधिक 84.26 प्रतिशत
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अल्मोड़ा में सबसे कम 60.04 प्रतिशत मतदान
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पर्वतीय जिलों में: पौड़ी (61.79%), रुद्रप्रयाग (62.98%), टिहरी (61.19%)
राज्य निर्वाचन आयुक्त का बयान
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि बारिश की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारियों से समन्वय बनाकर कंटीजेंसी प्लान तैयार किया जाएगा।
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