पर्यटन सचिव ने बदरीनाथ, माणा, औली में विकास कार्यों की समीक्षा की, गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश

औली

पर्यटन सचिव ने किया बदरीनाथ, माणा और औली का निरीक्षण, विकास कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के दिए निर्देश

बदरीनाथ/औली। उत्तराखंड के पर्यटन एवं धर्मस्व सचिव धीरज सिंह गर्ब्याल ने बृहस्पतिवार को बदरीनाथ, माणा और औली क्षेत्रों का व्यापक निरीक्षण किया। उन्होंने पर्यटन विकास से जुड़े विभिन्न प्रोजेक्ट्स की प्रगति का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को सभी निर्माण कार्यों को तय समयसीमा और मानकों के अनुरूप पूर्ण करने के सख्त निर्देश दिए।

सचिव गर्ब्याल ने अपने निरीक्षण की शुरुआत भगवान बदरीविशाल के दर्शन से की। इसके बाद उन्होंने बदरीनाथ मास्टर प्लान के तहत चल रहे कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को मास्टर प्लान की परियोजनाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरतने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ धाम के महत्व को देखते हुए यहां का इंफ्रास्ट्रक्चर विश्व स्तरीय होना चाहिए ताकि यात्रियों और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।

बदरीश और शेषनेत्र झीलों की सफाई पर जोर

बदरीनाथ में निरीक्षण के दौरान सचिव ने बदरीश और शेषनेत्र झीलों की स्वच्छता की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने नगर पंचायत बदरीनाथ के अधिकारियों को निर्देश दिए कि झीलों की नियमित सफाई और संरक्षण कार्यों के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाए ताकि इन पवित्र जल स्रोतों की प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्ता बनी रहे।

माणा गांव में वाइब्रेंट विलेज योजना की समीक्षा

बदरीनाथ के बाद सचिव माणा गांव पहुंचे, जहां उन्होंने वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत चल रही विभिन्न परियोजनाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने अराइवल प्लाजा, केशव प्रयाग और भीमपुल क्षेत्र में निर्माणाधीन संरचनाओं की प्रगति और गुणवत्ता का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि माणा जैसे सीमांत और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण गांव को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने पर सरकार विशेष ध्यान दे रही है ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिल सकें और गांवों से पलायन रुके।

औली में पर्यटक सुविधाओं का निरीक्षण

निरीक्षण के अगले चरण में सचिव औली पहुंचे। यहां उन्होंने पर्यटक आवास गृह, चेयर लिफ्ट और स्कीइंग स्लोप्स का निरीक्षण किया। उन्होंने औली में स्थित तीन पर्यटक आवास गृहों के उच्चीकरण के लिए जीएमवीएन अधिकारियों को परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने औली में आवास गृहों को जोड़ने वाली 600 मीटर लंबी एप्रोच रोड की मरम्मत के लिए लोक निर्माण विभाग को आकलन तैयार कर शासन को प्रस्ताव भेजने को कहा

औली में सचिव ने ज्योतिर्मठ-औली रोपवे के संचालन और तकनीकी पहलुओं की जानकारी भी अधिकारियों से प्राप्त की। उन्होंने कहा कि औली की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख स्कीइंग डेस्टिनेशन के रूप में है, जिसे और अधिक व्यवस्थित और पर्यटक-अनुकूल बनाया जाएगा।

तपोवन में गरम पानी के स्रोत का संरक्षण

निरीक्षण के दौरान सचिव गर्ब्याल ने नीती घाटी स्थित तपोवन में जीएमवीएन द्वारा संचालित पर्यटक आवास गृह का भी दौरा किया। उन्होंने अधिकारियों को आवास गृह के नियमित संचालन और पर्यटकों को उच्च गुणवत्ता की सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसके अलावा, उन्होंने तपोवन में स्थित गरम पानी के प्राकृतिक स्रोत के संरक्षण और विकास के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक धरोहर को पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख स्थान दिलाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।

निरीक्षण के दौरान सचिव के साथ एसडीएम चंद्रशेखर वशिष्ठ, पीआईयू के अधिशासी अभियंता (ईई) योगेश मनराल, जिला पर्यटन विकास अधिकारी अरविंद गौड़, नगर पंचायत बदरीनाथ के अधिशासी अधिकारी सुनील पुरोहित, जीएमवीएन के क्षेत्रीय प्रबंधक दीपक रावत, संजय गुप्ता सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

सचिव गर्ब्याल ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि चारधाम यात्रा और हिमालयी पर्यटन क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास तेजी से और गुणवत्ता के साथ हो, ताकि उत्तराखंड पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सके

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