उत्तरकाशी आपदा: सीएम धामी ने मौके पर पहुंचकर राहत-बचाव कार्यों की जानी स्थिति
देखें वीडियो, तबाह धराली में बचाव दलों ने संभाला मोर्चा
उत्तरकाशी, दून व ऋषिकेश के अस्पताल अलर्ट मोड पर
उत्तरकाशी। सीएम धामी ने उत्तरकाशी स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष से राहत एवं बचाव कार्यों की गहन समीक्षा की।
उधर, सेना व आईटीबीपी के जवानों ने धराली, हर्षिल व आस पास के इलाकों में राहत कार्य शुरू कर दिए गए हैं। हालांकि, भटवाड़ी के आगे मार्ग धंसने से कई राहत व बचाव दल धराली नहीं पहुंच पाए हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक धराली गांव के 55 के लोगों को रेस्क्यू करके आईटीबीपी कैंप कोपांग में ले जाया गया है। यह सभी लोग सुरक्षित हैं और कोपांग कैंप में है। चार यात्री वाहनो के साथ पचास के करीब
लापता बताए जा रहे है और अभी तक चार शवों को निकाला गया है ।
मंगलवार की शाम भटवाड़ी से आगे सड़क धंसने से बचाव दल भी घटनास्थल पर नहीं पहुंच पाए थे। डीएम व एसपी भी आगे नहीं बढ़ पाए थे
इस बीच, धराली व आसपास बचाव दल ने खीर गंगा में पैदल पुल बना दिया है। गंगोत्री हाईवे से जुड़े धराली कस्बे में मलबे को साफ करने का काम शुरू हो गया है।
समाचार लिखे जाने तक मलबे में दबे शवों की तलाश जारी थी।
इधऱ, मुख्यमंत्री ने प्रदेश के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों एवं सेना के प्रतिनिधियों से स्थिति की वस्तुनिष्ठ जानकारी प्राप्त की और उन्हें राहत कार्यों को तीव्र गति से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि क्षेत्र में रेस्क्यू एवं मेडिकल कैंप्स की स्थापना कर दी गई है तथा प्रभावितों के लिए भोजन एवं आवश्यक सामग्री की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर प्रारम्भ कर दिए गए हैं।
भारतीय वायुसेना के चिनूक व एमआई-17 हेलीकॉप्टर पूरी तरह से तैयार स्थिति में हैं, ताकि आवश्यकतानुसार शीघ्रतम कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।

प्रदेश सरकार राहत कार्यों को प्राथमिकता देते हुए प्रत्येक प्रभावित नागरिक तक सहायता पहुँचाने हेतु कटिबद्ध है।
स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में
देहरादून व ऋषिकेश में ICU सहित बेड आरक्षित
मानसिक स्वास्थ्य पर भी फोकस, 03 मनोचिकित्सक धराली भेजे गए
उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में बादल फटने से उत्पन्न आपदा को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूर्णतः अलर्ट मोड में है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में प्रभावित लोगों को बेहतर इलाज समय पर मिल सके।

इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि देहरादून, ऋषिकेश और अन्य प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में बेड आरक्षित कर दिए गए हैं, ताकि आपदाग्रस्त क्षेत्र से लाए गए घायलों को तत्काल उपचार मिल सके।
आरक्षित चिकित्सा व्यवस्था-
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल, देहरादून*
150 जनरल बेड
50 ICU बेड
कोरोनेशन जिला चिकित्सालय, देहरादून*
80 जनरल बेड
20 ICU बेड
एम्स, ऋषिकेश
50 जनरल बेड
20 ICU बेड
इन अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल और दवा आपूर्ति की व्यवस्था भी पूरी कर ली गई है।
मानसिक स्वास्थ्य पर भी फोकस, मनोचिकित्सक भेजे गए
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि आपदा से प्रभावित लोगों में मानसिक तनाव और अवसाद की स्थिति पैदा होना स्वाभाविक है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने विशेष तौर पर तीन मनोचिकित्सकों को धराली क्षेत्र में तैनात किया है, ताकि ज़रूरतमंदों को तत्काल काउंसलिंग और मनोवैज्ञानिक सहायता मिल सके।उन्होंने बताया कि इन डॉक्टरों की टीम स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय में काम करेगी और राहत शिविरों में जाकर लोगों से संवाद भी करेगी।
स्वास्थ्य सचिव ने स्पष्ट किया कि सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) और आपदा प्रतिक्रिया टीमें अलर्ट पर हैं। 108 एम्बुलेंस सेवा को भी चौबीसों घंटे एक्टिव मोड पर रखा गया है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा यह एक संवेदनशील समय है। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री जी के स्पष्ट निर्देश हैं कि एक भी घायल या जरूरतमंद व्यक्ति इलाज से वंचित न रह जाए। स्वास्थ्य विभाग हर स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार है।
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