उत्तराखंड चुनाव में इस बार महिला वोटरों की बड़ी भूमिका रही, तो वहीं 11 फीसद महिलाएं जीतकर विधायक बनीं. चुनाव परिणाम के बाद सीएम पद को लेकर लॉबिंग देखी गयी.
जिसमें महिला मोर्चा की अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को लेकर भी महिला मोर्चा की उनके साथियों ने खूब जोरआजमाइश की थी, हालांकि आलाकमान ने धामी के नाम पर ही एक बार फिर मुहर लगायी.
लेकिन कोटद्वार से पिता की हार का बदला लेने वाली ऋतु खंडूड़ी को विधानसभाध्यक्ष की अहम जिम्मेदारी दी जा रही है.
यदि ऐसा होता है तो ऋतु खंडूड़ी प्रदेश की पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष होगीं. ऋतु खंडूड़ी दूसरी बार विधायक बनी हैं. 2017 के विधासनभा चुनाव में ऋतु खंडूड़ी पौड़ी जिले की यमकेश्वर विधानसभा सीट से चुनाव जीती थीं.
हालांकि इस बार बीजेपी ने उन्हें कोटद्वार विधानसभा सीट से मैदान में उतारा था, जहां से कभी मुख्यमंत्री रहते हुए उनके पिता भुवन चंद्र खंडूड़ी की हार हुई थी.
2012 में सुरेंद्र सिंह नेगी ने ही भुवन चंद्र खंडूड़ी को हराया था. खंडूड़ी की हार से बीजेपी की सरकार बनते-बनते रह गई थी.
उत्तराखंड में किस तरह महिलाओं की भाजपा सरकार बनाने में अहम भूमिका रही है, इस लिहाज से इसे महत्वपूर्ण फैसला माना जा रहा है.
वैसे तो विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर अब तक सीनियर विधायकों को ही जिम्मेदारी दी जाती रही है. लेकिन, इस बार हाईकमान ने ऋतु खंडूड़ी को यह जिम्मेदारी है, जो बीजेपी के लिए एक बड़ा फैसला है.
विधानसभा अध्यक्ष एक संवैधानिक पद होने के चलते इसमें जानकार विधायकों को ही जिम्मेदारी दी जाती है. एक पढ़ी-लिखी महिला विधायक होने के चलते बीजेपी ने ऋतु खंडूड़ी को यह मौका दिया है.