केदारघाटी के भटेश्वर में मनाया जाता है अनोखा त्यौहार

केदारघाटी के नगर पंचायत ऊखीमठ के भटेश्वर वार्ड में एक अनोखा त्यौहार मनाया जाता है। यह त्यौहार हर वर्ष मनाया जाता है। ग्रामीण लोग वर्षो से इस परम्परा को निभाते आ रहे हैं।

विगत दो वर्षों में वैश्विक महामारी के कारण लगे लाॅकडाउन के कारण इस वर्ष ग्रामीणों ने भारी उत्साह के साथ इस त्यौहार को मनाया है, जिसमें प्रवासी ग्रामीण एवं धियाणियों ने भारी संख्या में भागीदारी की। आज हम आपको इस त्यौहार की खासियत बतातें हैं।

केदारघाटी के भटेश्वर में बी माता त्यौहार क्षेत्र की खुशहाली, विश्व कल्याण की कामना तथा बेहतरीन फसल उत्पादन के लिए मनाया जाता है।

यह त्यौहार केदारघाटी के सीमित गांवों में मनाया जाता है तथा इस त्यौहार को चैत्र मास में ही मनाने की परम्परा है। दशकों से चली आ रही परम्परा के अनुसार भटेश्वर वार्ड के ग्रामीणों द्वारा चैत्र मास की संक्रांति को हर घर में जौ बोये जाते हैं तथा जौ बोने की परम्परा रिंगाल की टोकरी में है।

जौ के अंकुरित होने तथा हरियाली का रूप धारण करने पर ग्रामीणों द्वारा नित पूजा की जाती है। इसी परम्परा के तहत इस वर्ष भी भटेश्वर वार्ड के ग्रामीणों ने चैत्र माह की संक्रांति को हर घर में जौ की हरियाली रखी तथा सोमवार को सभी घरों की हरियाली गाजे-बाजों के साथ मुख्य चैक में लाई गयी।

जहां पर विद्वान आचार्यों ने वैदिक मंत्रोंच्चारण के साथ विधि-विधान से हरियाली की पूजा की। पूजा-अर्चना के बाद ग्रामीणों ने जौ की हरियाली को खेत-खलिहानों से होते हुए कांलिका मन्दिर लाया गया तथा देर सांय जौ की हरियाली को प्राकृतिक जल स्रोत पर विसर्जित करने के साथ ही क्षेत्र के खुशहाली, विश्वास कल्याण की कामना के साथ आगामी समय में बेहतरीन फसल उत्पादन की कामना की गयी तथा जौ की हरियाली को भक्तों को प्रसाद स्वरूप वितरित की गयी।

सभासद रवीन्द्र रावत ने बताया कि बी माता त्यौहार केदारघाटी के कुछ गांवों में मनाया जाता है और इस त्यौहार के समापन पर ग्रामीणों में एकता व अखंडता देखने को मिलती है।

बताया कि बी माता त्यौहार में सभी ग्रामीण तथा धियाणियां बढ़-चढकर भागीदारी करते हैं तथा सभी में प्यार, प्रेम व सौहार्द देखने को मिलता है।

बी माता त्यौहार को हरियाली त्यौहार के रूप में भी मनाया जाता है तथा इस त्यौहार में जौ की हरियाली प्राकृतिक जल स्रोतों पर विसर्जित करने की परम्परा प्राचीन है। बी माता त्यौहार के आयोजन से 15 दिनों तक हर घर का वातावरण भक्तिमय व सुखमय बना रहता है तथा हरियाली विसर्जित करते समय महिलाओं व धियाणियो में भावुक क्षण देखने को मिलते है।

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