गरीबों को निशुल्क व बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तीन माह बाद रविवार को फिर से मुख्यमंत्री आरोग्य मेला शुरू हो गया। जनपद में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की 30 पीएचसी व न्यू पीएचसी में मेले का आयोजन हुआ।
मेले के पहले दिन स्वास्थ्य केंद्रों पर सन्नाटा नजर आया। ज्यादातर अस्पतालों में मरीजों की संख्या कम ही रही। इस कारण डॉक्टरों को इंतजार करना पड़ा। स्वास्थ्य अधिकारी मरीजों की कम संख्या के पीछे त्योहार व पड़ रही गर्मी को जिम्मेदार ठहराते रहे।वहीं ग्रामीणों स्वास्थ्य मेला शुरू होने के बाबत जानकारी न होने की बात कहते दिखे। हालांकि स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सक व कर्मचारियों की टीमें दिन भर मौजूद रही और पहुंचने वाले लोगों का उपचार कर दवाएं दीं।
डेरापुर ब्लॉक क्षेत्र के बड़ागांव भिक्खी नवीन पीएचसी पर रविवार को चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर नदीम खान ने दस रोगियों का परीक्षण कर दवाएं उपलब्ध कराईं। आम दिनों में यहां औसत 30 से 40 मरीज पहुंचते थे।
डॉक्टर नदीम खान ने बताया कि जन आरोग्य मेला चुनाव आचार संहिता के चलते बंद चल रहा था। अब बगैर प्रचार-प्रसार के मेला आयोजित किया गया। इससे लोगों को जानकारी नहीं हो सकी। टीम में एलटी अमित कुमार, वार्ड ब्वाय पंकज, ज्योति आदि मौजूद रहे।मुख्यमंत्री आरोग्य मेले के बाबत लोगों को जानकारी न होने का असर राजपुर पीएचसी में भी दिखाई दिया। रविवार को मेला में 53 मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। 22 मरीज हीट स्ट्रोक के आए। खांसी, जुकाम, बुखार के मरीज भी पहुंचे।
चिकित्सक ने गर्मी में ताजा भोजन करने व पानी खूब पीने की सलाह दी गई। डॉ. सलिल सचान ने बताया कि मेले में आने वाले सभी ग्रामीणों की जांच की गई है। आम दिनों में यहां 70 से अधिक मरीज पहुंचते थे।
तीन महीने बाद शुरू हुए मुख्यमंत्री आरोग्य मेले के पहले दिन रविवार को स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों की संख्या कम रही है। इसका प्रमुख कारण त्योहार व पड़ रही गर्मी प्रतीत हो रहा है।