जेल प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा में मुर्तजा को जिला अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में रखा है। फिजिशियन डॉ. राजेश कुमार और हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश कुमार की निगरानी में उसका उपचार चल रहा। उसकी लगातार निगरानी की जा रही है। बुधवार को मुर्तजा की हृदय संबंधी जांच की जाएगी। सुरक्षा के लिहाज से दो सीओ समेत भारी पुलिस बल जिला अस्पताल में मौजूद है।
16 अप्रैल को रिमांड खत्म होने के बाद मुर्तजा को जेल भेजा गया है। तीन अप्रैल को मंदिर में सिपाहियों पर हमले के बाद आम लोगों की मदद से पुलिस ने उसे पकड़ा था। इस दौरान उसके हाथ की हड्डी टूट गई थी। हाथ में प्लास्टर किया गया, लेकिन उससे सुधार नहीं हो रहा था। वह लगातार दर्द की शिकायत कर रहा था। एक्सरे में पता चला कि उसकी हड्डी जुड़ नहीं रही है। इस पर डॉक्टरों ने ऑपरेशन की सलाह दी थी। औपचारिकताएं पूरी कर मंगलवार को जेल प्रशासन ने पुलिस की मदद से उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया है।
अहमद मुर्तजा अब्बासी के चाचा डॉ. खालिद अब्बासी को एटीएस ने पूछताछ के लिए फिर नोटिस भेजा है। कैंट थाने की पुलिस के जरिए नोटिस रिसीव कराया गया है। वहीं, नोटिस मिलने के साथ ही डॉ. अब्बासी ने फिर उम्र का हवाला देकर गोरखपुर में ही पूछताछ के लिए एटीएस से आग्रह किया है।
यह हुआ था
तीन अप्रैल को गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात सिपाहियों अनिल पासवान और गोपाल गौड़ पर आरोपित मुर्तजा अब्बासी ने बांके से जानलेवा हमला किया था। गोरखनाथ थाने में मुर्तजा के खिलाफ हत्या की कोशिश, सरकारी काम में बाधा डालने, धार्मिक भावना भड़काने, 7 सीएलए एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।
चार अप्रैल को उसे कोर्ट में पेश कर पुलिस ने रिमांड पर मांगा था, जिसके बाद 11 अप्रैल तक के लिए रिमांड मिला था। पांच अप्रैल से केस एटीएस को ट्रांसफर हो गया। 11 अप्रैल को एटीएस ने उसे कोर्ट में पेश किया, साथ ही रिमांड और बढ़ाने की मांग की इसके बाद कोर्ट ने पांच दिन के लिए रिमांड बढ़ा दी। इसी के साथ एटीएस को मुर्तजा 16 अप्रैल तक रिमांड पर मिल गया था।