जहा एक और देश में धर्मो के बीच लड़ाई चल रही है और माहौल खराब जैसी घटनाये सामने आ रही है वही दूसरी और एक ऐसा मामला सामने आये है जिसमे दो धर्मो के बीच की एकता अभी भी देखने को मिल रही है। काशीपुर में दो हिंदु बहनों ने मुस्लिम भाइयों को ईद का तोहफा दिया है। उन्होंने अपने दिवंगत पिता की इच्छा के अनुरूप करीब चार बीघा जमीन ईदगाह के विस्तारीकरण के लिए दान दे दी है। दोनों विवाहित बहनों के पारिवारिक सदस्यों ने काशीपुर पहुंचकर ईदगाह कमेटी को जमीन का कब्जा दे दिया है। कमेटी ने बुनियाद खुदवाकर बाउंड्री का काम भी शुरू कर दिया है। देश के तमाम हिस्सों में इन दिनों जहां धार्मिक उन्माद की खबरें अमनपसंद लोगों का चैन छीन रहीं हैं। छोटी-छोटी बातों पर लोग आमने-सामने आ रहे हैं, वहीं दो हिंदू बहनों ने ईद से ठीक पहले मुस्लिम भाइयों को तोहफा देकर समाज के सामने एक उदाहरण पेश किया है।
काशीपुर के ईदगाह मैदान के पास लाला ब्रजनंदन प्रसाद रस्तोगी के परिवार की कृषि जमीन है। ब्रजनंदन इस जमीन को ईदगाह के लिए दान करने के इच्छुक थे, लेकिन यह रकबा उनकी दोनों बेटियों सरोज रस्तोगी और अनीता रस्तोगी के नाम पर था। वह चाहकर भी शादीशुदा बेटियों से जमीन ईदगाह को देने के बारे में नहीं कह सके। ब्रजनंदन प्रसाद रस्तोगी के ईदगाह कमेटी के ओहदेदारानों से करीबी ताल्लुकात थे। वह हर साल ईदगाह के लिए चंदा देते थे। अन्य माध्यमों से भी ईदगाह कमेटी की मदद करते थे। 25 जनवरी 2003 को ब्रजनंदन रस्तोगी का निधन हो गया। बाद में बेटियों सरोज रस्तोगी और अनीता रस्तोगी को पिता की इच्छा के बारे में जानकारी हुई तो उन्होंने जमीन दान करने की ठान ली।