उत्तराखंड हाईकोर्ट में देहरादून सहस्त्रधारा रोड के चौड़ीकरण के लिए 2057 पेड़ों के प्रस्तावित कटान के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.
नैनीताल कोर्ट ने राज्य सरकार को 972 पेड़ों को दूसरी जगह ट्रांसप्लांट करने के आदेश दिए हैं. रोड के दोनों तरफ वहां उगने वाले पेड़ लगाएंगे और इनकी पांच साल तक देखरेख करेंगे. जिसकी रिपोर्ट प्रत्येक छह माह के भीतर कोर्ट में प्रस्तुत करेंगे. मामले में पहली रिपोर्ट दिसम्बर दूसरे सप्ताह में पेश करेंगे. आज राज्य सरकार ने इस सम्बंध में कोर्ट में अंडरटेकिंग दी.
सुनवाई के दौरान मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्र शेखर रावत की तरफ से कोर्ट को अवगत कराया कि रोड का चौड़ीकरण करना बहुत आवश्यक है. जिससे सरकार 1066 यूकेलिप्टिस के पेड़ों को काटना चाह रही है. इन पेड़ों की उम्र 40 साल से अधिक हो चुकी है. 72 पेड़ इसी तरह रहेंगे और 465 जो महत्वपूर्ण हैं, उन्हें ट्रांसप्लांट कर रहे हैं. जिस पर कोर्ट ने 972 पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने को कहा.
मामले के अनुसार देहरादून निवासी और समाज सेवी आशीष गर्ग ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि देहरादून जोगीवाला से खिरसाली चौक होते हुए सहस्त्र्धारा मार्ग के प्रस्तावित चौड़ीकरण के लिए 2057 पेड़ों का कटान किया जाना है. देहरादून घाटी और शहर पहले से ही जलवायु परिवर्तन की मार झेल रहे हैं. हर जगह हीट आइलैंड विकसित हो रहे हैं. तापमान में बढ़ोत्तरी भी देखी जा रही है. एक ओर सहस्त्रधारा अपने शीतल जल और पर्यावरण के लिए जाना जाता है, दूसरी ओर इस तरह के प्रस्तावित कटान से पूरे सहस्त्रधारा तक का रास्ता बिल्कुल उजाड़ और बंजर हो जाएगा. इसके अस्तित्व को बचाए रखने के लिए पेड़ों के कटान पर रोक लगाई जाए.