एलोपैथी पर फिर बिगड़े बाबा के बोल, कोरोना के बहाने ‘बूस्टर’ पर बोला हमला

योग को जन जन तक पहुंचाने वाले बाबा रामदेव अपने बयानों के लिए भी सुर्खियों में बने रहते हैं, बाबा ने एक बार एलोपैथी पर सवाल खड़े किए हैं.

रामदेव ने  बूस्टर डोज लगने के बाद भी कोरोना होने को मेडिकल साइंस की असफता करार दिया है, उन्होंने कहा कि दुनिया जड़ी-बूटियों की ओर लौटेगी.

गिलोय के ऊपर रिसर्च करें और दवाइयां बनाएं तो भारत विश्व में सबसे बड़ी इकोनॉमी बन सकता है, ये बात उन्होंने पतंजलि में अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन कही.

लोक स्वास्थ्य एवं ओद्यौगिक परिप्रेक्ष्य’ विषय पर आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन वक्ताओं ने आयुर्वेद चिकित्सा के विविध प्रयोगों पर व्याख्यान दिए. पतंजलि विवि के कुलाधिपति बाबा रामदेव ने कहा कि प्रकृति से ही हमारी संस्कृति की पहचान होती है.

इसी से हमें समृद्धि व स्वास्थ्य भी मिलता है,  आज करोड़ों लोगों ने अपनी गृह वाटिका में तुलसी, एलोवेरा व गिलोय को स्थान दिया है, इसमें पूज्य आचार्य का बहुत बड़ा योगदान है. उन्होंने कहा कि जिन कारणों से बुखार होता उन कारणों को गिलोय खत्म करता है.

बहरहाल डॉक्टरों की माने तो वैक्सीन की डोज़ लेने से शरीर में प्रविष्ट वायरस से लड़ने की शक्ति आ जाती है, या यू कहें कि वायरस के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है, वैक्सीन लेने का अर्थ ये नहीं है कि व्यक्ति वायरस से संक्रमित ही नहीं हो सकता.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here