उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में घपले के मामले में एसटीएफ के रडार पर आया जिला पंचायत सदस्य विदेश चला गया है।
एसटीएफ उसे मास्टरमाइंड मान रही है। पूर्व के कुछ भर्ती घपलों में भी उसका नाम आ चुका है। एसटीएफ उसके खिलाफ घपले से संबंधित साक्ष्य जुटा रही है। जांच में संलिप्तता व पुख्ता साक्ष्य मिलने पर एसटीएफ एफआईआर में उसका भी नाम जोड़कर कड़ा शिकंजा कस सकती है।
एसटीएफ सूत्रों के अनुसार इस मामले में उक्त जिला पंचायत सदस्य की भूमिका मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर उभर कर सामने आ रही है। इस प्रकरण में एसटीएफ उसे तलब करने की तैयारी कर रही थी।
इस बीच वह विदेश चला गया है। एसटीएफ सूत्रों ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि उक्त संदिग्ध दो माह के टूरिस्ट वीजा पर विदेश गया है।
एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक उक्त जिला पंचायत सदस्य का नाम पूर्व की भर्तियों में भी सामने आ चुका है। पूर्व में आयोजित आयोग भर्तियों में उसके कई परिजन चयनित हो चुके हैं।
यूकेएसएससी पेपर लीक में रिकार्ड सौ से ज्यादा गिरफ्तारियां हो सकती हैं। गिरफ्तारी होने पर रैकेट से जुड़े आरोपियों को जेल जाना होगा।
एसटीएफ अफसरों का कहना है कि अभी उन आरोपियों के भूमिका की जांच की जा रही है, जो पेपरलीक कर बेचने में शामिल रहे। इनकी संख्या 13 पहुंच गई है।
जल्द यह संख्या 25 के पार पहुंच सकती है। एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह का कहना है कि पुलिस जांच के दायरे में आ रहे आरोपियों के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य जुटाकर कार्रवाई करेगी। आरोपियों की संख्या 100 के पार जा सकती है।
एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने कहा, ‘पेपरलीक मामले में कुछ सफेदपोशों की भी भूमिका अहम होने की जानकारी मिली है। साक्ष्य के आधार पर ऐसे सफेदपोशों की कुंडली खंगाली जा रही है। दोषी पाए जाने पर संबंधित सफेदपोशों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।’