ऋषिकेश में हेंवलघाटी, तपोवन और शिवपुरी क्षेत्र में संचालित कैंप सितंबर महीने से गुलजार होंगे। एक सितंबर से तीर्थनगरी में राफ्टिंग के संचालन पर लगी रोक हट जाएगी। इससे तीर्थनगरी में साहसिक खेलों के शौकीनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। रीवर राफ्टिंग करने के बाद पर्यटक कैंपों की ओर रुख करेंगे।
गंगा का जलस्तर बढ़ने से 30 जून के बाद तीर्थनगरी में राफ्टिंग का संचालन बंद हो जाता है। जुलाई और अगस्त दो महीने बरसात के कारण राफ्टिंग की गतिविधियां बंद रहती हैं। बारिश के मौसम के कारण भी पर्यटक यहां आने से दूरी बनाते हैं।
हेंवल घाटी क्षेत्र गरुड़चट्टी, रत्तापानी, बिजनी, नैल, मोहनचट्टी, बैरागढ़, तपोवन के क्यार्की, घुघतानी, पाथौं आदि जगहों पर संचालित कैंप खाली पड़े हुए हैं। पर्यटकों से गुलजार कैंपों में इन दिनों गिने चुने सैलानी ही नजर आ रहे हैं।
कैंप संचालक अंकित गुप्ता, राज सिंह, जीतपाल, अरविंद नेगी, सुदेश भट्ट ने बताया कि बरसात में कैंपों का काम कम हो जाता है। बारिश के कारण सैलानी यहां आने से दूरी बनाते हैं। राफ्टिंग का असर भी कैंपों पर दिखता है। जैसे ही राफ्टिंग का संचालन शुरू होगा, उससे कैंपों में भी पर्यटकों की आवाजाही शुरू हो जाएगी।
शनिवार और रविवार को वीकेंड के चलते हेंवल घाटी और तपोवन क्षेत्र में संचालित कैंप फुल रहते हैं। एडवांस बुकिंग के बाद भी सैलानियों को यहां जगह नहीं मिलती है। कैंप संचालकों को उम्मीद है कि एक सितंबर के बाद पर्यटकों की भीड़ उमड़ेेगी और कैंप गुलजार होंगे।