जनपद में कोचिंग संस्थानों पर बाल संरक्षण आयोग ने किया औचक निरिक्षण, मिली खामिया

उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग को लगातार मिल रही अवैध रूप से संचालित कोचिंग संस्थानों की मिल रही शिकायतों का संज्ञान लेते हुए जनपद के विभिन्न कोचिंग संस्थानों में औचक निरीक्षण कर स्थितियों का जायजा लिया।

आयोग ने निरीक्षण में पाया की ना केवल उत्तराखंड बल्कि अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में बच्चे एन.डी.ए समेत अन्य कोचिंग संस्थाओ में अपना भविष्य बनाने पहुंचते है वही अभिभावक बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए संस्थानों को मोटी धनराशि देते है लेकिन दिए जा रहे शुल्क के अनुसार बच्चों को कोई सुविधाएं नहीं उपलब्ध हो रही है।

वही दूसरी ओर कई ऐसे संस्थान भी है जहा 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का पंजीकरण है, कई संस्थाओ के पास एस0ओ0पी0 नहीं होने के साथ ही कई और खामिया भी पायी गयी है।

बाल आयोग अध्य्क्ष डॉ गीता खन्ना ने कोचिंग संस्थानों की नियामवली तैयार किये जाने हेतु मुख्य सचिव,उत्तराखंड सरकार को पत्र लिखा गया है, उन्होंने जनपद में चल रहे अवैध संस्थानों पर लगाम लगाने के लिए कई सुझावों को प्रेषित किया है जिनमे आधारभूत संरचना के मानक , शुल्क व्यवस्था ,सुरक्षा , प्रशासन और बच्चों पर बढ़ रहे तनाव को लेकर ठोस कदम उठाने की बात कई है।

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