Uttarkashi Avalanche: …. और पर्वत की गोद में सो गयी पर्वतारोही सविता

द्रौपदी का डांडा चोटी में निम के एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स में गए प्रशिक्षकों में उत्तराखंड की एक जांबाज़ पर्वतारोही सविता को भी खो दिया है… कुछ ही महीनों पहले उनकी तारीफों के पल बंध रहे थे हर कोई उनके अच्छे भविष्य की कामना कर था, कल के हादसे ने एक पल में सब कुछ खत्म कर दिया।

उत्तरकाशी के लोंथरु गांव की निवासी पर्वतारोही सविता कंसवाल की निम हादसे में मौत हो गई है। सविता उत्तरकाशी जनपद की एक उभरती हुई पर्वतारोही थी। जिसने बेहद कम समय में पर्वतारोहण के क्षेत्र में अपना नाम बनाया था। सविता ने नेहरु पर्वतारोहण संस्थान से एडवांस और सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स के साथ पर्वतारोहण प्रशिक्षक का कोर्स किया था।

इसी वर्ष उन्होंने मई में 15 दिन के अंदर एवरेस्ट और माउंट मकालू पर्वत सफल आरोहण कर नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम किया था। 12 मई को सविता ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) पर तिरंगा फहराया था। इसके 15 दिन बाद सविता ने माउंट मकालू (8463 मीटर) पर भी सफल आरोहण किया था। उसकी सफलता से उसके क्षेत्र और जनपदभर में खुशी की लहर थी।

लेकिन द्रौपदी का डांडा चोटी में निम के एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स में गए प्रशिक्षकों में शामिल पर्वतारोही सविता की एवलांस में दबने से मौत हो गई जिससे हर कोई दुखी है.. एक उभरती हुई पर्वतारोही का इस तरह जाना हर किसी के लिए असहनीय है..

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