हीर-रांझा की सांग प्रस्तुति देख दर्शक मंत्रमुग्ध

एसडी पीजी कॉलज में आयोजित सांग महोत्सव में प्रस्तुति देते कलाकार।

पानीपत। हरियाणा से सांग की कला विलुप्त होने की कगार पर है और गिने चुने कलाकार ही रह गए हैं जो आज भी सांग की प्रस्तुति दे रहे हैं। इस कला को पुनर्जीवित करने के उद्देेश्य से हरियाणा कला परिषद और दादा लखमी चंद कला विकास मंच के संयुक्त तत्वावधान से सोमवार को एसडी पीजी कॉलेज में तीन दिवसीय सांग महोत्सव की शुरुआत की गई। पहले दिन हिसार से आई सोनू एंड पार्टी ने हीर-रांझा सांग की प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।


सांग महोत्सव में आकर्षण का केंद्र दूरदराज गांवों से आए हुए बुजुर्ग और हरियाणवी भाषा को जानने-समझने वाले दर्शक थे। महोत्सव का शुुुभारंभ सांसद संजय भाटिया ने किया। विशिष्ट अतिथि के तौर पर भपजा जिला अध्यक्ष डॉ. अर्चना शर्मा मौजूद रहीं। उनका स्वागत दादा लखमीचंद कला विकास मंच के संस्थापक विरेंद्र शर्मा, सह संस्थापक हरिदास शस्त्री, प्रधान मेघराज कौशिक, महिला प्रधान रजनी बेनिवाल और एसडी पीजी कॉलेज के प्रधान पवन गोयल और प्राचार्य डा. अनुपम अरोड़ा ने किया। अतिथियों ने कहा कि बेशक युवा पीढ़ी पश्चिमी सभ्यता के प्रभाव में आ रही है, लेकिन जीवन में कामयाबी और सच्ची खुशी उन्हें अपने ही लोक साहित्य और संस्कृति से मिलेगी। सांसद संजय भाटिया ने कहा कि हरियाणवी हमारी लोक संस्कृति है।

सूर्य कवि पंडित लखमी चंद का सांग विधा के माध्यम से हरियाणवी संस्कृति में अतुल्यनीय योगदान है। विरेंद्र शर्मा ने कहा कि यह मंच सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से निरंतर हरियाणा की संस्कृति को स्थापित कर रहा है एवं सुदृढ़ बना रहा है। प्रधान पवन गोयल ने कहा कि सांग महोत्सव से दर्शकों को हरियाणवी संस्कृति, लोक काव्य और कला के बारे में बहुत कुछ सिखने को मिलेगा।


प्राचार्य डॉ. अनुपम अरोड़ा ने कहा कि इस महोत्सव का मकसद हरियाणवी संस्कृति को बढ़ावा देना और नए एवं उभरते युुवा कलाकारों को मौका देना है। हरियाणा की संस्कृृति काफी प्राचीन है और फिर से एक नई पहचान के साथ खुद को स्थापित कर रही है। इस अवसर पर विरेंद्र शर्मा, हरिदास शस्त्री, मेघराज कौशिक, रजनी बेनिवाल, प्रदीप मलिक, जसमेर गौतम, तनु शर्मा, सीमा हरियाणवी, धर्मबीर, नरेंद्र गर्ग और गुलाब पांचाल मौजूद रहे।

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