देश में चौथे नंबर पर आ गया उत्तराखंड,प्रदेशमें प्रति लाख आबादी पर 460 लोग संक्रमित

प्रदेश में जिस तेजी से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है वह बेहद गंभीर है। लगता नहीं कि सरकार सहित संबंधित एजेंसियों की इस भयावहता पर नजर है। यदि होती तो शायद अब तक प्रदेश में कुछ दिन का लॉकडाउन लग चुका होता, जिससे तेजी से बढ़ते लगाम लगती। उत्तराखंड को लेकर राज्य में और राज्य के बाहर भी ऐसी धारणा है कि यहां कोरोना के मामले बहुत ज्यादा नहीं हैं। आज की तारीख में देखें तो यहां 48319 सक्रिय मामले हैं जबकि तमाम प्रदेशों में इनकी संख्या लाखों में है। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में तो तीन लाख से ज्यादा और दिल्ली में 97 हजार से ज्यादा मामले हैं। दिल्ली को लेकर तो सारे देश और मीडिया में हंगामा है कि वहां हालात बेहद गंभीर हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि यदि प्रति लाख जनसंख्या पर कोरोना संक्रमित मामलों के आधार पर देखें तो उत्तराखंड दिल्ली से बहुत बहुत आगे है। दिल्ली ही नहीं देश के अधिकतर प्रदेशों से ज्यादा गंभीर हालात उत्तराखंड में हैं। प्रति एक लाख आबादी पर सक्रिय मामलों में केवल तीन राज्य उत्तराखंड से आगे हैं जिनमें दो उत्तराखंड से मामूली रूप से ही आगे हैं। खास बात यह है कि इनमें से दो में लॉकडाउन है और उत्तराखंड से पीछे चल रहे राज्यों में भी दो से तीन दिन का वीकेंड लॉकडाउन है। हालात की गंभीरता और अभी भी बाजारों में आ रही भीड़ को देखते हुए उत्तराखंड में लगता नहीं कि अपेक्षित सख्ती बरती जा रही है।

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