नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कोविड मैनेजमेंट से जुड़ी याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई करते हुए वैक्सीनेशन के लिए कोविन ऐप पर रजिस्ट्रेशन की बाध्यता को लेकर सवाल किया। कोर्ट ने कहा कि केंद्र लगातार कह रहा है कि वैक्सीनेशन बहुत तेजी से चल रहा है, पर आप जमीनी हालात को नहीं समझ रहे। आप डिजिटल इंडिया-डिजिटल इंडिया कहते रहते हैं, लेकिन वास्तव में ग्रामीण इलाकों के हालात अलग हैं। झारखंड के एक अशिक्षित मजदूर का राजस्थान में रजिस्ट्रेशन कैसे होगा। हमें बताइए कि इस डिजिटल विरोधाभास को आप कैसे दूर करेंगे। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस रवींद्र भट की बैंच ने कहा कि केंद्र को जमीनी हालात को ध्यान में रखकर पॉलिसी में बदलाव जरूर करना चाहिए। वैक्सीनेशन पॉलिसी पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल दागते हुए कहा कि केंद्र कहता है कि ज्यादा मात्रा में वैक्सीन खरीदने पर उसे कम दाम चुकाने पड़ रहे हैं।
अगर आपका यही तर्क है, तो राज्यों को वैक्सीन के ज्यादा दाम क्यों देने पड़ रहे हैं। देशभर में वैक्सीन के दाम एक जैसे रखे जाने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि जिन ग्रामीण इलाकों में लोग डिजिटल प्रणाली से वाकिफ नहीं हैं, उनके वैक्सीनेशन के लिए क्या किया जा रहा है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने हिदायती लहजे में कहा कि वैक्सीनेशन पॉलिसी में कोविन ऐप पर रजिस्ट्रेशन को जरूरी बताया गया है। इसमें डिजिटल इंडिया के असल हालात को ध्यान में नहीं रखा गया। पॉलिसी बनाने वालों को जमीनी हालत से वाकिफ होना ही चाहिए। हम चाहते हैं कि आप हकीकत से वाकिफ हों कि देश में क्या हो रहा है। आप वैक्सीनेशन पॉलिसी में जरूरी बदलाव करें।
12वीं की परीक्षा पर फैसला दो दिन में
नई दिल्लीः सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षा होगी या नहीं, इस पर दो दिन में फैसला हो सकता है। केंद्र सरकार इस पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अपना प्लान पेश करेगी। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्र की दलील पर दो दिन की मोहलत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको फैसला लेने के लिए वक्त दिया जाता है। आप जो भी निर्णय लेंगे, उसके पीछे आपको मजबूत दलील देनी होगी।