चुनाव लोकतंत्र का मेला है, जो कि 5 साल में एक बार आता हैं, जिसमें जनता अपने वोट की ताकत दिखाती है. एक बार जीतने के बाद जो नेता क्षेत्र से नदारद हो जाते हैं उन्हें वक्त आने पर जनता सबक सिखाने का मौका नहीं चूकती.
हालांकि पार्टियां अब जनता को ज्यादा संजीदगी से लेने लगी हैं, यही वजह है कि कांग्रेस हो या भाजपा ने स्क्रीनिंग और इंटरनल सर्वे के आधार पर जनता के मूड को देखते हुए ही टिकट बांटे और काटे .
एक ऐसे विधायक जिनका इस बार टिकट कटा, वो हैं भाजपा के पौड़ी से विधायक मुकेश कोली. जिनका पत्ता कटने के बाद मुकेश कोली का टिकट कटने पर कई गांवों में जश्न मनाया जा रहा है.
ग्रामीणों की मानें तो पौड़ी विधायक ने कभी क्षेत्र के गांवों के विकास की तरफ ध्यान ही नहीं दिया और नहीं कभी ग्रामीणों की समस्याओं पर गौर फरमाया. ऐसे में खराब परफॉरमेंस के कारण भाजपा हाईकमान को उनका टिकट काटना पड़ा.
ग्राम प्रधान संगठन के अध्यक्ष कमल रावत ने कहा कई दफा अपने ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं को लेकर हम विधायक मुकेश कोली के पास भी पहुंचे, लेकिन उन्होंने कभी समस्याओं पर गौर नहीं फरमाया. विकास कार्यों की अनदेखी ही विधायक पर भारी पड़ी है, जिसकी वजह से उनका टिकट कट गया.
वहीं, कांग्रेस भी विधायक मुकेश कोली के टिकट कटने का कारण विधायक निधि आंवटन पर 25 प्रतिशत कमीशनखोरी का आरोप लगाया है. साथ ही विकास में खराब परफॉरमेंस लाना भी इसकी वजह बताया है.
हालांकि, भाजपा संगठन महांमत्री जगत किशोर बडथ्वाल की मानें तो सिटिंग विधायक को टिकट न दिया जाना भाजपा हाईकामन का निणर्य रहा है. वहीं, भाजपा के पौड़ी सीट से प्रत्याशी राजकुमार पोरी की मानें तो सीटिंग विधायक के तरफ से जो कोई कमी जनता के बीच रह गई है, उसे वे विधायक बने तो अवश्य दूर करेंगें.