RTI ने भ्रष्टाचार को उजागर करने में अहम भूमिका निभायी है, बड़े-बड़े दावे करने वालों सियासतदानों की पोल खोलने में RTI कारगर रही है.
तो वहीं इस बार RTI ने इस बार एक बड़ा खुलासा किया है, जिसके मुताबिक उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी समेत उत्तराखंड के 44 विधायकों ने विधानसभा को अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है.
दरअसल माननीयों को विधानसभा में अपनी संपत्ति का ब्यौरा हर साल देना जरूरी होता है. इस पर RTI एक्टिविस्ट नदीम उद्दीन ने इस बाबत RTI लगाई.
इसके जवाब में विधानसभा के लोक सूचना अधिकारी/उपसचिव (लेखा) हेम चन्द्र पंत ने अपने पत्रांक 487 दिनांक 22 फरवरी 2022 से संपत्ति विवरण संबंधी सूचना मुहैया करायी .
नदीम को मिली जानकारी के मुताबिक, 44 विधायकों के नाम शामिल हैं. इसमें 7 मंत्रियों और नेता प्रतिपक्ष समेत सीएम धामी ने ब्यौरा नहीं दिया, इस सूची में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मंत्री सुबोध उनियाल, अरविन्द पांडे, रेखा आर्य, बंशीधर भगत, यतीश्वरानन्द व बिशन सिंह चुफाल के नाम शामिल हैं.
इनमें त्रिवेंद्र सिंह रावत, राजकुमार, सुरेन्द्र सिंह नेगी, मनोज रावत, विनोद कंडारी, विजय सिंह पंवार, मुन्ना सिंह चौहान, सहदेव सिंह पुंडीर, स्व. हरबंस कपूर, आदेश चौहान, सुरेश राठौर, ममता राकेश, देशराज कर्णवाल, फुरकान अहमद, प्रदीप बत्रा, कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन, काजी मो. निजामुद्दीन, संजय गुप्ता, रितु भूषण खंडूड़ी, दलीप सिंह रावत, हरीश सिंह, मीना गंगोला, महेश सिंह नेगी, करन माहरा, गोविंद सिंह कुंजवाल, राम सिंह कैड़ा, दीवान सिंह बिष्ट, आदेश सिंह चौहान, राजकुमार ठुकराल, राजेश शुक्ला, सौरभ बहुगुणा, प्रेम सिंह, मुन्नी देवी शाह, चन्द्र पंत, महेश सिंह जीना, विधायक शामिल हैं.
इसके अलावा 20 विधायक ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपनी संपत्ति का प्रथम अनुसूची का विवरण तो दिया है लेकिन द्वितीय अनुसूची का संपत्ति अर्जन और व्ययन का वार्षिक विवरण नहीं दिया है.
इन विधायकों में प्रेमचन्द्र अग्रवाल, केदार सिंह रावत, गणेश जोशी, बलवंत सिंह भौर्याल, सतपाल महाराज, विनोद चमोली, हरभजन सिंह चीमा, खजान दास, धन सिंह रावत, चन्दन राम दास, भरत सिंह चौधरी, मदन कौशिक, महेंद्र भट्ट, पूरन सिंह फर्त्याल, कैलाश चन्द्र गहतोड़ी, यशपाल आर्य, प्रीतम सिंह पंवार, रघुनाथ सिंह चौहान, संजीव आर्य, हरक सिंह रावत शामिल हैं.















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