समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान से जुड़े मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के लिए सुप्रीम कोर्ट से राहत भरी खबर आई है। दरअसल, विश्विद्यालय बनवाने के लिए अधिगृहीत जमीन सरकार को लौटाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। अगस्त में अब इस मामले की सुनवाई होगी। हाईकोर्ट ने 12.5 एकड़ छोड़ कर बाकी 450 एकड़ से ज्यादा जमीन पर सरकार के नियंत्रण का आदेश दिया था। मौलाना जौहर यूनिवर्सिटी की यह जमीन उत्तर प्रदेश के रामपुर में है। आजम और उनके परिवार के सदस्य इस यूनिवर्सिटी के ट्रस्टी हैं।
क्या था हाईकोर्ट का निर्णय
दरअसल, हाईकोर्ट ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट रामपुर द्वारा अधिग्रहीत 12.50 एकड़ जमीन के अतिरिक्त जमीन को राज्य में निहित करने के एडीएम वित्त के आदेश को सही करार दिया था। विश्वविद्यालय निर्माण के लिए लगभग 471 एकड़ जमीन अधिग्रहीत की गई थी। केवल 12.50 एकड़ जमीन ही ट्रस्ट के अधिकार में रहेगी। कोर्ट ने एसडीएम की रिपोर्ट और एडीएम के आदेश की वैधता को चुनौती देने वाली ट्रस्ट की याचिका खारिज कर दी थी।