सीबीआई ने छापा मारकर दबोचा: रिश्वत के आरोप में बीएसएनएल के एजीएम गिरफ्तार, कोर्ट में हुए पेश

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के असिस्टेंट जनरल मैनेजर (एजीएम सेल्स) अजय कुमार को गिरफ्तार कर लिया। अजय पर चार हजार रुपये घूस लेने के आरोप हैं। एजीएम को सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, एजीएम सेल्स को चार हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया है। पूछताछ में एजीएम ने कुछ और अफसरों के नाम लिए हैं। विस्तृत छानबीन के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

जानकारी के अनुसार, आईटी फर्म सैप आई सॉल्यूशन ने बीएसएनएल में अलग-अलग कार्य कराए, लेकिन इसका भुगतान नहीं किया गया। इस बीच कंपनी से जुड़े दुर्गेश प्रताप सिंह ने सीबीआई से शिकायत की और आरोप लगाया कि बीएसएनएल गोरखपुर में तैनात एजीएम सेल्स अजय कुमार हर भुगतान के पीछे दस फीसदी कमीशन मांग रहे हैं। इसके बाद सीबीआई ने जाल बिछाया और गत सोमवार को शास्त्री चौक स्थित कार्यालय पर छापा मारकर एजीएम को हिरासत में ले लिया। सीबीआई की टीम ने देर रात तक पूछताछ की। मंगलवार को गिरफ्तारी की पुष्टि कर दी।

सूत्रों के मुताबिक, एजीएम सेल्स को घूस की धनराशि के साथ रंगे हाथ पकड़ा गया है। दरअसल, जांच एजेंसी ने शिकायतकर्ता दुर्गेश प्रताप सिंह के  कपड़ों में इलेक्ट्रानिक डिवाइस लगाकर एजीएम के पास भेजा था। दुर्गेश व एजीएम के बीच एक कमरे में लंबी बातचीत हुई। जांच एजेंसी का दावा है कि रिकार्डेड बातचीत के दौरान एजीएम ने बिल पास करने के बदले कई बार कमीशन की मांग की है। शिकायतकर्ता ने जैसे ही घूस की धनराशि दी, वैसे ही सीबीआई ने एजीएम को दबोच लिया।

पहले साक्ष्य परखे, फिर गिरफ्तारी का जाल बिछाया
दुर्गेश सबसे पहले लखनऊ स्थित सीबीआई के कार्यालय गए और कमीशन मांगने की जानकारी दी। अफसरों ने साक्ष्य मांगा तो दुर्गेश के पास कुछ नहीं था। इसके बाद जांच एजेंसी ने लिखित शिकायत मांगी, फिर इलेक्ट्रानिक डिवाइस की मदद से साक्ष्य जुटाने की बात कही। दुर्गेश ने ऐसा ही किया। तब जाकर सीबीआई की टीम ने छापा मारा और एजीएम सेल्स को गिरफ्तार किया। जल्द ही सीबीआई शिकायतकर्ता को लखनऊ बुलाकर बयान दर्ज कर सकती है।

शनिवार और सोमवार को टीम गई थी कार्यालय
जानकारी के मुताबिक, कमीशनबाजी की पुष्टि के बाद सीबीआई की टीम गत शनिवार को भी बीएसएनएल कार्यालय गई और जरूरी साक्ष्य जुटाने के बाद वापस आई। इस दौरान शिकायतकर्ता दुर्गेश टीम के साथ थे। बताया जा रहा कि सीबीआई की टीम कार्यालय के बाहर एक वाहन में बैठी और इलेक्ट्रानिक डिवाइस के साथ शिकायतकर्ता को एजीएम के पास भेजा। दोनों के बीच करीब 56 मिनट तक बातचीत हुई। इसकी रिकार्डिंग सीबीआई के पास है। इसी तरह सीबीआई ने सोमवार को भी दोनों के बीच 36 मिनट की बातचीत रिकार्ड की है। इसके बाद छापा मारा और गिरफ्तारी की है।

शीर्ष अधिकारी से पूछताछ संभव
सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई की जांच में एजीएम ने एक शीर्ष अधिकारी की नाम लिया और कमीशन देने की बात कही। इसकी जानकारी सीबीआई की टीम ने शीर्ष अधिकारी को दी है। साथ ही कहा है कि जरूरत पड़ी तो पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो शीर्ष अधिकारी भी जांच के दायरे में आ जाएंगे। ऐसे मामलों में जांच एजेंसी मंत्रालय से अनुमति लेती है।

महाप्रबंधक कार्यालय में बैठकर लिखी तहरीर, दर्ज कराया मुकदमा
सीबीआई की टीम ने एजीएम को घूस की धनराशि के साथ दबोचा और महाप्रबंधक के कार्यालय ले गई। रिकार्डेड बातचीत को साक्ष्य बनाया और महाप्रबंधक कार्यालय में बैठकर तहरीर बनाई, फिर एजीएम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पूछताछ और साक्ष्य जुटाने के बाद सोमवार देर रात आरोपित एजीएम को साथ लेकर सीबीआई की टीम लखनऊ चली गई। मंगलवार की सुबह एजीएम को सीबीआई न्यायालय में पेश किया गया।

 

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