उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने पिछले १० वर्षो से उत्तराखंड में रह रहे किरायदारों व रेहड़ी वालो को लेकर सघन अभियान चलाने के दिया आदेश। सरकार की माने तो कुल १० दिन तक इस सघन अभियान को चलाया जाएगा जिसमें लम्बे समय से रह रहे किरायदारों का व रेहड़ी वालो का वारीफिकेशन करवाया जाएगा , जानकारी की माने तो इस सारी कार्यवाही की प्रतिदिन की रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी जायेगी
डीजीपी ने बताया कि सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वालों पर पैनी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए ऑपरेशन क्लीन स्वीप चलाया जाएगा। सोशल मीडिया की निगरानी भी की जा रही है। जो लोग सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास करते हैं उन्हें चिह्नित किया जाएगा। सभी जिलों में मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में विशेष नजर रखी जाएगी ताकि कोई भी गतिविधि अप्रिय लगे तो समय रहते कार्रवाई की जा सके।
10 दिनों तक सभी थाना पुलिस अपने-अपने क्षेत्रों में अभियान में लेगी भाग
अशोक कुमार, डीजीपी उत्तराखंड
जिनसे अस्थिरता आ सकती हैं, उनका चारधाम यात्रा में प्रवेश वर्जित : धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया के माध्यम से साफ संदेश दिया कि राज्य की शांति में जिन लोगों से अस्थिरता आ सकती है, उनका चारधाम यात्रा में प्रवेश पूरी तरह से वर्जित होगा। उनकी यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। मंगलवार को मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सत्यापन से छूट गए लोगों की पहचान के लिए अभियान चलाए जाने का एलान किया था। बुधवार को उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट डाली। उन्होंने लिखा, हमारी संस्कृति हमारी पहचान है। इसके बिना हमारा कोई भी अस्तित्व नहीं। चारधाम हमारी संस्कृति के अभिन्न अंग हैं। इसलिए हमारी सरकार पूरी कोशिश करेगी कि जिन लोगों के पास उचित सत्यापन नहीं होंगे या जिनके कारण प्रदेश की शांति व्यवस्था में अस्थिरता आ सकती है। चारधाम यात्रा के दौरान ऐसे व्यक्तियों का प्रवेश राज्य में पूरी तरह से वर्जित होगा। उधर, बदरीनाथ के पूर्व विधायक महेंद्र भट्ट की सोशल मीडिया पोस्ट की भी चर्चा है। भट्ट ने लिखा कि चारधाम यात्रा जो आएंगे, उन्हें चरणामृत पिलाया जाएगा।
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