गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर चेकिंग के दौरान पशुपालन विभाग की टीम ने घोड़ा-खच्चरों के संचालन के मामले में पशु क्रूरता अधिनियम के तहत दो पशु स्वामियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है। साथ ही अन्य को भी जरूरी निर्देश दिए गए हैं।
केदारनाथ यात्रा पैदल मार्ग पर विभागी टीम ने चेकिंग के दौरान देखा कि दिलवर सिंह, ग्राम खुमेरा को का खच्चर चलने में असमर्थ है। बावजूद, पशुपालक उसे यात्रा में जबरन लाया है। खच्चर को तत्काल उपचार के लिए गौरीकुंड लाया गया। वहीं, पशु स्वामी मोहम्मद शहवान ग्राम शाहनपुर, नजीमाबाद, बिजनौर अपने छोटे खच्चर पर अधिक भार ढुलान कर रहा है।
खच्चर पर एक व्यस्क के साथ 10-12 वर्ष का बच्चा भी बैठा मिला। अधिक भार ढुलान से खच्चर की तबीयत बिगड़ने की संभावना को देखते हुए पशु स्वामी के खिलाफ मौके पर ही कार्रवाई की गई। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. आशीष रावत ने बताया कि दोनों पशुपालकों के खिलाफ सोनप्रयाग कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
विभाग ने डा. राजीव गोयल और डा. दीपमणि गुप्ता के नेतृत्व में टीम गठित कर गौरीकुंड में तैनात कर दी गई है। टीम में पशुपालन विभाग के साथ पुलिस और सेक्टर मजिस्ट्रेट को भी शामिल किया गया है। यह टीम गौरीकुंड से केदारनाथ तक चरणबद्ध रेकी करते हुए कमजोर, बीमार घोड़े खच्चरों के संचालन के साथ ही जानवर पर ओवर वेट, बिना पंजीकरण व लाइसेंस के मामलों की पड़ताल कर कार्रवाई करेगी। बताया कि टीम से प्रतिदिन की रिपोर्ट मांगी जा रही है।