उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पूरे चरम पर है. चारों धामों में तीर्थयात्रियों का हुजूम उमड़ रहा है. इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने चारधाम यात्रा को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उनका साफ कहना है कि चारधाम यात्रा में आ रहे यात्रियों को हरिद्वार और ऋषिकेश में रोकने का कोई औचित्य नहीं है. ऐसे में जो व्यक्ति अपने घर से यात्रा के लिए निकल पड़ा हो तो फिर उसे यात्रा में जाने के लिए नहीं रोका जाना चाहिए.
पूर्व सीएम और सांसद तीरथ सिंह रावत का कहना है कि इससे पहले भी चारधाम यात्रा में श्रद्धालु आया करते थे, पहले के समय में यह भाव हुआ करता था कि बदरीनाथ और केदारनाथ से वापस लौटेंगे या नहीं. ऐसे में आज हम सोनप्रयाग और गौरीकुंड तक पहुंच चुके तीर्थयात्री को वापस कैसे लौटा सकते हैं. चारधाम यात्रा में तीर्थयात्री देशभर के कोने-कोने से आते हैं, ऐसे में उसकी भावना को देखते हुए उसे दर्शनों के लिए रोकना उचित नहीं है.
तीरथ रावत का कहना है कि जो कुछ होना होगा, वो तो भगवान के हाथों में है. उन्होंने कहा कि जगह-जगह चेकिंग के नाम पर श्रद्धालुओं को एक-एक हफ्ते तक रोका जाना कदापि ठीक नहीं है. चारधाम में आया श्रद्धालु अपनी मर्जी से कहीं भी रुक सकता है. उन्होंने सचिव और जिलाधिकारियों को भी यह सुझाव दिए कि तीर्थ यात्रियों को रोकने की बजाय आगे जाने दिया जाए. यात्रियों को हरिद्वार और ऋषिकेश में एक हफ्ते तक रोके जाने का कोई औचित्य नहीं बनता है. उनके दिए गए सुझावों के बाद यात्रा आगे बढ़ने लगी है.