उत्तराखंड के भू कानून के परीक्षण एवं सुझाव को लेकर गठित समिति की रिपोर्ट पर शुक्रवार को अंतिम मुहर लग सकती है। इस संबंध में समिति की एक बैठक बुलाई है, जिसमें तैयार की गई सिफारिशों पर चर्चा कर उन्हें अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
समिति के अध्यक्ष सुभाष कुमार के मुताबिक, बैठक के बाद एक हफ्ते के भीतर प्रदेश सरकार को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। त्रिवेंद्र सरकार में भू कानून में किए गए संशोधनों के विरोध के चलते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले समिति का गठन किया था।
समिति की अब तक पांच बैठकें हो चुकी हैं। हितधारकों के सुझावों लेने के साथ ही समिति ने जिलाधिकारियों से भी भूमि की खरीद-फरोख्त के संबध में तथ्य जुटाएं हैं। भू कानून में नए संशोधन की संभावनाओं के लिहाज से समिति की सिफारिशें काफी अहम मानी जा रही हैं।
भू कानून समिति ने सभी जिलाधिकारियों से वर्ष 2003-04 के बाद विभिन्न प्रायोजनों के लिए आवंटित की गई भूमि का उपयोग और वर्तमान स्थिति का पता लगाने के लिए जिलाधिकारियों से रिपोर्ट भी मांगी। रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ कि जिस उद्देश्य से भूमि ली गई, उसका दूसरा उपयोग कर दिया गया। कई जगह भूमि आवंटित करा ली गई, लेकिन उसे खाली छोड़ दिया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स की जानकारी अनुसार भू कानून समिति के पूर्व मुख्य सचिव व अध्यक्ष सुभाष कुमार का कहना है की समिति की बैठक शुक्रवार को बुलाई गई है। इस बैठक में समिति की सिफारिशों को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट प्रदेश सरकार को सौंप दी जाएगी। रिपोर्ट गोपनीय है, इसलिए इसके बारे में कुछ भी बताना संभव नहीं है।