हादसा : महाराष्ट्र से देवदर्शन आये पांच दोस्तों में से चार की मौत, मचा कोहराम

महाराष्ट्र से देवदर्शन की आस लिए देवभूमि उत्तराखंड में आए पांच दोस्तों ने जब हरिद्वार से अपनी यात्रा शुरू की तो उन्हें यकीन भी नहीं था कि उनका साथ कुछ ही समय का रह गया है।

महज 45 मिनट के सफर के बाद ही इन पांच दोस्तों की दुनिया हमेशा के लिए बिखर गई। इस भीषण हादसे में अपने चार साथियों को खोने वाले रविंद्र चव्हाण को अभी यह भी नहीं पता कि जिन साथियों के साथ वह यात्रा पर आया था, वह साथी अब उसे कभी नहीं मिल पाएंगे।

ऋषिकेश-बदरीनाथ मार्ग पर ब्रह्मपुरी के समीप हुए हादसे में महाराष्ट्र के चार तीर्थयात्री अपनी जान गंवा बैठे हैं। उनका एक साथी रविन्द्र चव्हाण व कार का चालक कविंद्र सिंह इस हादसे में बच गए। रविंद्र स्वयं गंभीर रूप से घायल हैं और एम्स ऋषिकेश में भर्ती हैं।

रविंद्र अपने साथियों के बारे में कुछ भी बताने में असमर्थ हैं। जबकि कार चालक कविंद्र सिंह का इन यात्रियों से सिर्फ 45 मिनट का साथ रहा, उसे सिर्फ इतना मालूम है कि सभी यात्री आपस में दोस्त हैं और महाराष्ट्र के रहने वाले थे।

इनमें से मृतक शिवाजी बुधकर का परिवार उनके घर के समीप ही रहता है। हादसे की जानकारी रविंद्र चव्हाण की पत्नी ने ही शिवाजी बुधकर के घर पर दी। यात्रियों के स्वजन को जब पुलिस ने हादसे की जानकारी दी तो उनके पैरों के तले से जमीन खिसक गई।

बदरीनाथ मार्ग पर ब्रह्मपुरी के समीप हुए हादसे को लेकर चालक कविंद्र सिंह गहरे सदमे में है। दुर्घटना में कविंद्र को ज्यादा गंभीर चोंटें नहीं आई हैं। कविंद्र ने बताया कि वह गुरुवार को उखीमठ से हरिद्वार की सवारियां लेकर आया था। रात्रि करीब दस बजे वह हरिद्वार पहुंचा। जहां खाना खाने के बाद रात 11 बजे वह वाहन में ही सो गया था।

कविंद्र ने बताया कि रात में उसने करीब पांच से छह घंटे की नींद ली और सुबह पांच बजे वापस जाने के लिए उठ गया था। सुबह ही उसे बस अड्डे पर बदरीनाथ के लिए पांच सवारियां मिल गई, जिनके साथ उसने बदरीनाथ छोड़ने की बुकिंग ली और छह बजे हरिद्वार से रवाना हो गया।

ऋषिकेश से करीब 10 किमी आगे ब्रह्मपुरी के पास करीब पौने सात बजे अचानक उसे नींद की झपकी आ गई और फिर मुझे कुछ पता नहीं।

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