अपने निजी स्वार्थ के लिए जनता के बीच धूमिल की जा रही सरकार और उद्यान विभाग की छवि

उद्यान विभाग द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सेब महोत्सव में लगाए जा रहे आरोपों पर उद्यान विभाग ने अपने पक्ष में बात रखते हुए कहा की विगत 6 माह से कुछ कतिपय संदिग्ध व्यक्तियों द्वारा अपने निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए उद्यान विभाग एवं उत्तराखंड सरकार की छवि धूमिल करने के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं प्रदेश भर में समाचार पत्रों/ सोशल मीडिया के माध्यम से जनता के बीच भ्रामक स्थिति पैदा की जा रही है।

जहां प्रकाशित की जा रही भ्रामक खबरों का विवरण इस प्रकार है:

कोविड-19 संक्रमण के दौरान वापस आए कृषि प्रवासियों बेरोजगारों नव युवकों में निराशा हताशा को दूर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित विभिन्न केंद्र पोषित योजनाओं के मिशन मैनेजमेंट प्रशासनिक व्यय की धनराशि का सदुपयोग करते हुए भारत सरकार एवं उत्तराखंड शासन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय से मशरूम/ सब्जी/ मसाला एवं शहद महोत्सव का आयोजन किया गया था।

वही महोत्सव के आयोजन के दौरान जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी (JICA) वित्त पोषित उत्तराखंड एकीकृत आधुनिक विकास परियोजना के फॉर्मूलेशन की कार्यवाही गतिमान थी तथा उक्त महोत्सव में अंतरराष्ट्रीय/ राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड में औद्यनिकी विकास की संभावनाएं होने के फलस्वरूप JICA से अनुरोध किए जाने पर परियोजना लागत रु०251.71 करोड़ से बढ़कर रु०526.00 करोड़ कर दी गई थी।

कृषकों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार द्वारा अधिकृत एजेंसी द्वारा निर्धारित राजसहायता किसानों के बैंक खाते में कराने के समस्त निर्देश जनपदीय अधिकारियों को दिए गए थे ताकि किसान अपनी क्षमता एवं सुविधा अनुसार बीजों का क्रय कर संतुष्ट हो सके।

अंतर्राष्ट्रीय से महोत्सव में परिचर्चा के दौरान किसानों द्वारा उच्चगुण वाले कीवी पौधों की मांग की गई थी लेकिन प्रदेश के पौधशाला के स्वामियों द्वारा यह बताया गया था कि प्रदेश में कीवी पौधों की अत्यधिक कम है ऐसे में कीवी का पौधा तैयार करना घाटे का सौदा है जहा उन्होंने पौधों की दर बढ़ाने की मांग की थी l प्रदेश में कीवी की खेती को बढ़ावा देने हेतु सभी उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति को किया जाना जरूरी है । ऐसे में कीवी पौधों की आपूर्ति हेतु की गई कार्रवाई से स्पष्ट है कि इसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं की गई है बल्कि उस प्रक्रिया को अपनाते हुए किसानों के हित में अच्छी क्वालिटी के कीवी पौधों की आपूर्ति कर कृषकों को आर्थिकी को मजबूत करने का प्रयास किया गया है जो कि पूरी तरह से राज्य हित में है।

वही हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा डॉ एच एस बवेजा को दिए गए चार्जशीट में यह स्पष्ट है कि उनको हिम एग्री फ्रेश प्रा० लि० शिमला हिमाचल प्रदेश को किसी भी प्रकार की राज सहायता का भुगतान नहीं किया गया है जहां उनके द्वारा केवल whistle-blower की भूमिका निभाई गई है।

इन सभी बिंदुओं गौर करते हुए यह बताया है कि कतिपय संदिग्ध व्यक्तियों द्वारा सिर्फ अपने निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए भ्रामक स्थिति और तथ्यहीन होने पर उद्यान विभाग एवं उत्तराखंड सरकार की छवि धूमिल करने का प्रयास करने के साथ-साथ प्रदेश में औद्योगिक के समग्र एवं कृषि खेत में लिए जा रहे निर्णयों की सफलता को भी विफल करने का प्रयास किया जा रहा है।

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